Wednesday, December 25, 2024
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सफेद चूहों व केंचुओं की नहीं होगी चीर-फाड़

जीव विज्ञान की पढ़ाई के दौरान सफेद चूहों, खास किस्म की मछली और केंचुआ जैसे जन्तुओं की चीर-फाड़ पर रोक लगेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से गठित विशेषज्ञों की कमेटी ने देश भर के जीव विज्ञान के प्रोफेसरों से राय-मशविरा करने के बाद इस आशय की सिफारिश की है। यूजीसी जल्द इस संबंध में अंतिम निर्णय लेकर आदेश जारी कर देगी।

ज्ञात हो कि जीव विज्ञान विषय में उच्च शिक्षा के दौरान प्रायोगिक अध्ययन के लिए विभिन्न जन्तुओं की चीर-फाड़ की जाती है। इस चीर-फाड़ के विकल्प तलाशने के लिए बनाई गई कोर कमेटी ने दो समूह में विभाजित होकर कार्य किया।

आरएल सहेरिया गवर्नमेंट पीजी कॉलेज काला डेरा जयपुर,जूलोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और कोर कमेटी के मेम्बर डॉ. बीके शर्मा ने बताया कि नई दिल्ली में यूजीसी ने 25 और 26 जून को कोर कमेटी की बैठक बुलाई थी। बैठक में देशभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के जूलोजी विभाग के 30 प्रोफेसर्स को राय लेने के लिए बुलाया गया था।

डॉ.शर्मा ने बताया कि 26 जून को विषय विशेषज्ञों की आम राय के बाद कोर कमेटी मेम्बर्स ने स्नातक स्तर पर जन्तुओं के विच्छेदन पर पूर्ण रोक लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर यूजीसी को सौंप दिया है। कमेटी की सिफारिश लागू करने के बाद लैब में केवल फैकल्टी ही आसानी से उपलब्ध किसी प्रजाति के जन्तुओं का विच्छेदन कर छात्रों को दिखा सकेंगे, वहीं स्नातकोत्तर स्तर पर भी जो छात्र विच्छेदन नहीं करना चाहें, उन्हें इसके स्थान पर जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) से जुड़े प्रोजेक्ट करने का विकल्प दिया गया है। इस स्तर पर केवल चूहों के विच्छेदन की ही अनुमति दी गई है।

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