वर्तमान शिक्षक मजबूरी में कर रहे शिक्षण कार्य: प्रदेश अध्यक्ष

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फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ स्थित एक मान्टेसरी स्कूल में आयोजित शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी एवं सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह में बोलते हुए राष्ट्र शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद तिवारी ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों की भूमिका में गिरावट आयी है। इस समय के शिक्षक स्वयं व प्रेरित होकर नहीं मजबूरी वश शिक्षण कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षक के तीन रूप होते हैं, एक वह जो स्वतः ही शिक्षण कार्य करता है। दूसरा जो किसी से प्रेरणा लेकर शिक्षण कार्य करता है और तीसरा रूप वह होता है जो किसी मजबूरी वश शिक्षण कार्य करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षक मात्र रुपयों की खातिर मजबूरी में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में यही हाल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का है। जोकि एक ही शिक्षक को कई कई विद्यालयों का चार्ज देने के साथ ही जनगणना, बाल गणना, बीएलओ जैसी ड्यूटी भी दे देते हैं। जिसका असर हमारी शिक्षा व्यवस्था पर पड़ता है। शिक्षक शिक्षा से हटकर तमाम ड्यूटियों में लगे रहते हैं।

इस दौरान सेवानिवृत्त शिक्षक संतोष कुमार, शशीलता, माधुरी देवी, सुमन अग्रवाल, ओमकृष्ण, दिनेश शुक्ला, राजरानी गुहार, प्रेम कुमारी, विमला मिश्रा, माधुरी, अशोक पाठक, रामभरोसे वर्मा आदि को शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल के अलावा ओमपाल सिंह, साहित्य कटियार, जगरूप शंखवार, प्रवीन शुक्ला, पी आर सिंह कश्यप, बिल्कीश फातमा, नरेन्द्र पाल सिंह, इरफान अली, सुशील मिश्रा, रामचन्द्र वर्मा व जिलाध्यक्ष संजय तिवारी सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।