अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण कराने वाले फर्जी शिक्षकों की कार्यमुक्ति में पेंच

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फर्रुखाबाद: जोड़ तोड़ और फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर चयन कराने के उपरांत फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर चयनित शिक्षक जिन्होंने जांच से बचने के लिए चयन के उपरांत बेसिक शिक्षा विभाग में कम प्राप्तांकों वाले अपने मूल प्रमाणपत्र दाखिल कर दिये थे उनकी कलई अब अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण पर कार्यमुक्ति से पूर्व प्रस्तावित सत्यापन में खुल जाने की पूरी संभावना है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की कार्यमुक्ति के लिए जो प्रारूप तैयार किया है, उसमें शिक्षकों से चयन के समय लगाये गये प्रमाणपत्रों की प्रतियां मांग ली हैं। इन प्रतियों का मिलान शिक्षक की सर्विस बुक से करने के उपरांत ही उनकी कार्यमुक्ति की जायेगी। जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन शेष रह गया है उनके सत्यापन के लिए सम्बंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अलग से लिखा जायेगा।

विदित है कि विशिष्ट बीटीसी में मेरिट से चयन प्रक्रिया के चलते अनेक अभ्यर्थियों ने चयन के समय उच्च प्राप्तांकों के फर्जी प्रमाणपत्रों को लगाकर पहले तो अपना चयन करा लिया व बाद में बेसिक शिक्षा विभाग में योगदान करते समय अपने मूल प्रमाणपत्र ही प्रस्तुत किये। इस गोरख धंधे की अनेक शिकायतें अभी भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। सत्यापन और शिकायतों से बचने के लिए इन अनेक फर्जी शिक्षकों ने अपने अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन कर दिया था परन्तु ये जुगत भी काम करती नहीं दिख रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण पर जाने वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त करने से पूर्व उनके द्वारा चयन के समय लगाये गये प्रमाणपत्रों की मूल प्रतियां प्रस्तुत किये जाने व इनका मिलान बेसिक शिक्षा विभाग में योगदान के समय दिये गये प्रमाणपत्रों से किये जाने के निर्देश दिये हैं। विदित है कि कार्यमुक्त करने से पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी को स्वयं स्थानांतरण पर कार्यमुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य है।

जनपद में आधा दर्जन फर्जी अंकपत्रों से नियुक्त शिक्षक जिनकी शिकायतों पर जांच चल रही थी उन्होंने भी अन्तर्जपदीय स्थानांतरण के लिए आन लाइन आवेदन किया था। लेकिन पुरुष शिक्षक होने के कारण उनका स्थानांतरण न हो सका। जिनमें मोहम्मदाबाद विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर पूर्वी के सहायक अध्यापक नरेन्द्रपाल सिंह, कमालगंज विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय बरुआ नगला के सहायक अध्यापक श्रवण कुमार सिंह शामिल हैं। इन दोनो शिक्षकों ने नियुक्ति के समय सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी शै़क्षिक अंकपत्र एवं डिग्रियों से अध्यापक की नौकरी प्राप्त की थी। इनके शैक्षिक अंकपत्र विश्वविद्यालय की जांच में फर्जी पाये गये थे। जिनकी आख्या डायट रजलामई की प्राचार्या सुमित्रा गर्ग द्वारा एक वर्ष पूर्व तीन अगस्त 2011 को जारी पत्रांक 348_50 द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद को देकर वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये गये थे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन शिक्षकों के जांच में फर्जी पाये जाने पर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी।

अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण होने पर जनपद की शिक्षिकाओं को कार्यमुक्त न किये जाने पर बीते मंगलवार को जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी से शिकायत किये जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत शरण पटेल ने अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण पर जाने वाले शिक्षकों के कार्यमुक्ति के लिए प्रारूप जारी करते हुए समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। शिक्षकों के समस्त शैक्षिक प्रशिक्षण, प्रमाणपत्रों, विद्यालय से नोड्यूज, आन लाइन आवेदन की छायाप्रतियां, कार्यमुक्ति प्रमाणपत्र, बीटीसी/विशिष्ट बीटीसी का मूल प्रमाणपत्र, पदोन्नति आदेश आदि सभी की चार-चार प्रतियों में जमा करने के शिक्षकों को निर्देश दिये गये हैं। आदेश जारी होते ही शिक्षिकायें अपने शैक्षिक प्रमाणपत्रों की फोटोकापी कराकर प्रधानाध्यापकों एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों से कार्यमुक्ति के लिए भटक रहीं हैं।