डाक्टरों की लापरवाही ने ली एक और डायरिया पीड़ित किशोरी की जान

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कायमगंज: सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र की मेहरबानी से एक और डायरिया पीड़ित किशोरी की जान चली गयी। किशोरी की मौत के बाद ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगाम भी किया। परंतु यहां पर डाक्टर की मेहरबानी पर पल रहे स्थानीय मेडिकल स्टोर संचालक डाक्टरों की दलाली के साथ ही उन्हं सुरक्षा भी उपलब्ध कराते हैं। इन्हीं लागों ने बीच बचाव किया व समझा बुझा कर ग्रामीणों को वापस भेज दिया।

 गुरूवार की शाम को डायरिया प्रभावित गांव प्रेमनगर निवासी रघुनाथ की 14 वर्षीय पुत्री रोशनी डायरिया रोग से पीड़ित हो गयी थी। जिसे परिजनों ने नगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने उसका इलाज किया गया। लेकिन मात्र कुछ ही घंटे बाद चिकित्सकों ने रोशनी को घर वापस भेज दिया। कुछ ही समय में उसकी हालत बिगड़ने लगी। अपनी पुत्री की दशा खराब होते देख परिजन अपनी बच्ची को लेकर दोबारा सरकारी अस्पताल पहुंचे। जैसे ही चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल में फिर आया हुआ देखा तो डाक्टर महेन्द्र कुमार और फार्मासिस्ट मुरारी सिंह यादव बुरी तरह भड़क गये। बोले कि तुम लोग डाक्टरों को सिर्फ परेशान करते रहते हो तुमसे जब कह दिया गया था कि तुम्हारी लड़की हालत सही है तो इसे यहां अब क्यों लाये हो। बीमार रोशनी के पिता रघुनाथ ने काफी खुशामद की, रघुनाथ के साथ आये गांव वालों ने भी फरियाद की। तब कहीं जाकर बीमारी से परेशानहाल रोशनी को पुनः अस्पताल में भर्ती किया गया। लेकिन रोशनी ने अस्पताल में ही इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से हुई रोशनी की मौत से गांव वाले भड़क गये और अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया। कुछ संभ्रात व्यक्तियों के पहुंचने पर उनके हस्तक्षेप से मामला शांत हो सका। इसके बाद परिजन रोशनी के शव को ठेले पर लाद कर घर ले गये।

मरीजों के साथ किये जा रहे लापरवाही पूर्ण रवैये से क्षेत्रवासी खासे परेशान हैं। चिकित्साकर्मियों तथा मरीजों में यहां आये दिन झड़पें होना आम बात हो गयी है। इस सम्बन्ध में क्षेत्रवासियों का कहना है अस्पताल कर्मी मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रखते हैं। यहां तक कि अधिकांशतः दवाइंया मरीजों को बाहर से ही खरीद कर लानी पड़ती हैं।