फर्रुखाबाद: पुलिस इतनी भोलीभाली भी हो सकती है यह बात आज ही पता चली। इससे यह लगता है कि पुलिस ने गांधी जी के तीन बंदरों के सिद्धान्त मान लिये हैं। न बुरा सुनेंगे, न बुरा देखेंगे न बुरा कहेंगे। बात आती है बुरा देखने की जिसका जीता जागता उदाहरण शहर कोतवाली क्षेत्र के पलरिया चौकी के संरक्षण में फलफूल रहे सट्टा कारोबार को देखकर लगता है कि चौकी व सट्टा कारोबार के बीच में महज बीस मीटर का ही फासला होगा। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या पुलिस यह भली प्रकार नहीं जानती कि यहां पर क्या गुल खिलाया जा रहा है। शहर का सैकड़ों आदमी प्रति दिन वहां सट्टा लगाने आता है और पुलिस अनजान बनी घूमती रहती है। पुलिस की इस हरकत से उस पर सवालिया निशान जरूर लगते हैं। शहर में कई जगह सट्टे का कारोबार अपनी जड़ें मजबूत किये हुए है।
शहर क्षेत्र के असगर रोड गढ़ी कोहना, पलरिया, नौगवां, दीनदयाल बाग, मसेनी, चांदपुर, अमेठी सहित शहर के तकरीबन सभी मोहल्लों में सट्टे के अड्डे बखूबी सजे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो लाखों की संख्या में सट्टा माफियाओं से धन उगाही के बाद पुलिस सट्टा माफियाओं पर हाथ डालना तो दूर उनकी तरफ देखना भी मुनासिब नहीं समझती और जहां आला अधिकारी इस बात का दावा करते हैं कि शहर में सट्टे के कारोबार को जड़ से मिटा दिया गया है। इसके बावजूद भी कई शिकायतें सट्टा आदि को बंद कराने को लेकर की गयीं। लेकिन आज तक पुलिस ने सट्टा लगाने वाले किस व्यक्ति को हिरासत में लिया है और अगर मीडिया या अन्य लोगों के दबाव में आकर हिरासत में ले भी लिया तो धीरे से जमानत पर पुनः छूटकर कारोबार शुरू कर देते हैं। जिसमें पुलिस की पूरी सहभागिता रहती है।
हजारों घरों को सट्टे ने बर्बाद कर दिया। जो लालच के चक्कर में अपना सब कुछ गवां बैठे। लेकिन सट्टे की लत ऐसी पड़ी कि कैसे भी करके शाम तक उन्हें 10-20 रुपये का सट्टा लगाना ही है। अपने आपको पुलिस ईमानदार कैसे कह सकती है जब उसके ही चौकी से महज बीस मीटर दूरी पर सट्टा कारोबार चल रहा हो। इसकी जानकारी हर सट्टा लगाने वाले हजारों व्यक्तियों को है। लेकिन पुलिस की सुनिये। इस सट्टे कारोबार होने की जानकारी जब पल्ला चौकी के एक सिपाही को दी तो वह चौंकते हुए बोला कहां हो रहा है सट्टा! मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। मैं तो अभी कुछ ही दिन पहले यहां आया हूं और दरोगा जी के सी द्विवेदी छुट्टी पर चले गये हैं। पहली बात तो जहां सट्टा हो रहा है वह मेरी चौकी के अन्तर्गत आता ही नहीं और फिर क्या था धीरे से मुस्करा दिया। वह तो तिकोना चौकी के अन्तर्गत आता है।
वहीं तिकोना चौकी इंचार्ज श्रीकृष्ण गुप्ता ने कहा कि मेरी चौकी के अन्तर्गत भी पलरिया मोहल्ला नहीं आता है। फिर बोले अच्छा वो वाला पीपल। वह तो पलरिया चौकी में आता है।
शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह ने इस सम्बंध में बताया कि उन्हें शहर में हो रहे सट्टे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। खबर के हिसाब से वह सट्टे के अड्डों पर दबिश दी जायेगी।