बेसिक शिक्षा विभाग का कारनामा: “गुरु घंटालो” के विवरण मे भी हेरा फेरी

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फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग वास्तव में अब गुरुजनों का नहीं गुरूघंटालों का गढ़ हो गया है। जिलाधिकारी की लाख सख्ती के बावजूद ब्लाक स्तरीय शिक्षा अधिकारियों व विभागीय लिपिकों को मासिक घूंस के दम पर महीनों गायब रहने वाले शिक्षकों का आज तक बाल बांका नहीं हो सका है। इन “गुरूघंटालों” की विभाग में पैठ या घूंसखोर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की नमक-हलाली का आलम यह है कि विभागीय स्टाफ स्टेटमेंट से इनका विवरण तक गायब कर दिया गया है।

बीते 10 वर्षों में विद्यालय न जाने के लिये चर्चित एक अधिकारी की शिक्षिका पत्नी मधुर लता पाल जो विकासखण्ड कमालगंज के प्राथमिक विद्यालय बीबीपुर में तैनात है, का नाम स्टाफ स्टेट में तो है लेकिन उनका सम्पूर्ण विवरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गये प्रपत्र में नहीं दर्शाया गया है।  विभागीय अधिकारियों के “सहयोग”  के चलते 9 वर्ष कीअनुपस्थिति के पश्चात भी कार्यभार ग्रहण करा दिया गया व वेतन भी निकल गया। विदित है कि इनको सेवा समाप्ति का नोटिस भी दिया गया था, परंतु इसके बावजूद उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ है।शमसाबाद विकासखण्ड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी नगला में वर्ष 2010 से तैनात एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी की शिक्षिका पत्नी, जो विकासखण्ड बढ़पुर में लम्बे समय से अनुपस्थिति के कारण चर्चित रहीं हैं, का तो स्टाफ स्टेटमेंट से नाम ही गायब कर दिया गया है।

इसी विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय अमानाबाद में तैनात मीना मेहरोत्रा का भी नाम तो स्टाफ स्टेटमेंट में है लेकिन उनका सम्पूर्ण विवरण बीएसए को भेजे गये प्रपत्र से गायब है। यह भी अपनी तैनाती के पूर्व विकासक्षेत्र शमशाबाद एवं वर्तमान कमालगंज में विद्यालय से लम्बे समय से अनुपस्थिति के लिए चर्चित रहीं हैं। बढ़पुर विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय हैवतपुर गढ़िया में तैनात शिक्षिका आरती यादव का भी पूर्ण विवरण स्टाफ स्टेटमेंट में नहीं है। राजेपुर विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय माखन नगला में नियुक्त मंजू चौधरी एवं शैलेन्द्र सिंह यादव ने 6 वर्षों से अपनी कार्यप्रणाली के लिये चर्चित रहे हैं, लंबीअनुपस्थिति पर उन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस तो दिया गया लेकिन स्टाफ स्टेटमेंट में उनका विवरण है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ विद्यालयों में तैनात लगभग दो दर्जन शिक्षक शिक्षिकायें लम्बे समय से अनुपस्थित या अवैतनिक अवकाश पर चल रहे हैं। जिनमें से कइयों को सेवा समाप्ति का नोटिस भी दिया जा चुका है। कायमगंज में ही लगभग एक दर्जन शिक्षकों के अवैतनिक अवकाश पर रहने का विवरण खण्ड शिक्षा अधिकारी कायमगंज द्वारा बीएसए को भेजी गयी रिपोर्ट में दिया गया है। कायमगंज के ही प्राथमिक विद्यालय अल्लाहपुर में नियुक्त शिक्षिका अपनी प्रथम नियुक्ति से ही विद्यालय से गायब रहीं हैं। जिनको सेवा समाप्ति का नोटिस मिला। नोटिस का जबाव न देने पर भी बीएसए ने इनकी सेवा समाप्ति आज तक नहीं की है। स्टाफ स्टेटमेंट में इनका नाम है।

मजे की बात तो यह है कि जनपद के  आधा दर्जन शिक्षक ऐसे हैं जो दूसरे विभागों में नौकरी कर रहे हैं उनके भी स्टाफ स्टेटमेंट में नाम अंकित हैं। खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं ब्लाक के वेतन लिपिकों ने भी शिक्षकों के समायोजन के लिए तैयार कराये गये स्टाफ स्टेटमेंट में अपने चेहते शिक्षकों को बचाने के लिए काफी छेड़छाड़ की है। प्राथमिक विद्यालयों में तैनात प्रधानाध्यापकों के विज्ञान वर्ग का होने पर भी उनको कला वर्ग का दर्शाया गया है। प्राथमिक शिक्षक संध के एक जनपद स्तरीय पदाधिकारी शिक्षक नेता के नाम के आगे विज्ञान विषय के स्थान पर कला विषय अंकित किया गया है।