आरोप: दबंगों के दबाव में डाक्टर ने गाली देकर भगाये थे दलित

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फर्रुखाबाद: कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र में वर्तमान में चर्चा का विषय बना रोहिला गांव जहां चेयरमैनी में मतदान न करने को लेकर गांव के दबंग यादवों ने कुछ दलित वर्ग के लोगों को मारपीट कर घायल कर दिया था। जिन्हें 8 जुलाई को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घायलों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते डाक्टरों ने उन्हें गाली गलौज कर लोहिया अस्पताल से भगा दिया था। जिसमें इलाज के अभाव में आज एक वृद्व की मौत हो गयी। जिसके विरोध में दलितों ने मोहम्मदाबाद में जाम लगा दिया। घबराये प्रशासन ने दबाव बनाकर शेष घायल दलितों को फिर लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया है।

विदित हो कि बीती 8 जुलाई को मोहम्मदाबाद के रोहिला गांव में दलित राजू, वनवारीलाल आदि को गांव के ही लाखन यादव पुत्र कप्तान यादव, गोपाल यादव, प्रदीप यादव पुत्र प्रमोद, स्वदेश पुत्र श्यामबीर सिंह यादव आदि लोगों ने जमकर मारपीट कर दी थी। दबंगों का आरोप था कि दलितों ने नगर पालिका अध्यक्ष पद के मतदान में उन्हें वोट नहीं दिया। गोपाल यादव वर्तमान में चेयरमैन का रिश्तेदार बताया जा रहा है। मारपीट होने के बाद घायलों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
घायल राजू के भाई राकेश ने आरोप लगाया कि लोहिया अस्पताल के डाक्टर ए के शुक्ला ठीक से इलाज नहीं कर रहे थे और एक दो दिन में ही उन्होंने गाली गलौज शुरू कर दिया और अक्सर अस्पताल से जाने की बात कहने लगे। इसके साथ में डाक्टर ने कई बार यह भी कहा कि यहां से चले जाओ नही ंतो मर जाओगे। गरीब दलित राजू उसका भाई बनवारीलाल इलाज के लिए गिड़गिड़ाता रहा लेकिन डाक्टर ने 13 जुलाई को जबरन उसकी छुट्टी कर दी।

जिसका खामियाजा बनवारीलाल को अपनी जान देकर पूरा करना पड़ा। वृद्व बनवारीलाल आज प्रातः शौच जाते समय अचानक खतम हो गये। सूचना जिलाधिकारी के पास पहुंची तो जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी ने कोतवाली मोहम्मदाबाद तत्काल राजू को लोहिया अस्पताल भर्ती कराने के आदेश दिये। इस पर मोहम्मदाबाद पुलिस राजू को लोहिया अस्पताल लेकर आयी।

डा0 अनिल शुक्ला ने बताया कि राजू व बनवारीलाल का इलाज किया था। गाली गलौज करने की बात गलत है। वनवारीलाल चल फिर रहे थे व पर्याप्त मात्रा में भोजन भी ले रहे थे। वनवारीलाल के अंदरूनी चोटें थीं। अस्पताल से दवाइयां देकर उन्हें ठीकठाक स्थिति में अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। डिस्चार्ज स्लिप भी मैने ही बनायी थी। बनवारीलाल के मरने की अभी कोई शारीरिक संभावना नहीं थी।

दहशत में है राजू व उसका परिवार
दबंगों के कहर से इस समय राजू और उसका भाई राकेश पूरी तरह से दहशत में हैं। राकेश तो दबंगों का नाम तक लेने से घबरा रहा था। राकेश ने बताया कि वह इस समय पूरी तरह से घबराया हुआ है तथा उसे लगता है कि वह व उसका घायल भाई लोहिया अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं। क्योंकि इस समय उन्हीं लोगों की चल रही है। पुलिस भी उन लोगों के इशारे पर ही कार्यवाही करती है।