नगर की गंदगी और विकास की अनदेखी के लिए अध्यक्ष और सभासद दोनों जिम्मेदार

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फर्रुखाबाद: नगर निकाय चुनाव में सभासद और अध्यक्ष दोनों जनता के प्रतिनिधि होते है| नगरपालिका की गतिविधिओ, योजना और कारवाही पर दोनों की निगाह होती है और जिम्मेदारी भी| अगर किसी वार्ड/मोहल्ले में विकास नहीं हुआ या घटिया काम हुआ तो उसके लिए सभासद और अध्यक्ष दोनों जिम्मेदार होते है| जनता इन्हें अपना सबसे कीमती वोट देकर प्रतिनिधि बनाती है| तो इन्हें भी जनता की भावनाओ और उनकी जरूरतों के मुताबिक योजना नगरपालिका पहचानी चाहिए| अगर वार्ड या मोहल्ले में ठेकेदार घटिया निर्माण कार्य करके काम पूरा कर रहा है तो इसका साफ़ मतलब है कि ठेकेदार ने कमीशन अध्यक्ष के साथ सभासद को भी दिया है| ऐसे ठेकेदारों के समर्थित, नगरपालिका के दायित्वों को ईमानदारी से पूरा न कर पाने वाले अध्यक्षों और सभासदों को सबक सिखाने का मौका अब जनता के हाथ है| जनता को चाहिए कि इनसे हिसाब मांगे| जात बिरादरी से ऊपर उठकर सोचे और फिर वोट करे|

शुक्रवार को मनोज अग्रवाल वार्ड संख्या 6 के कछियाना मोहल्ले में वोट मांगने पहुचे| वहां के वाशिंदों ने, खासकर महिलाओं ने जमकर मनोज को लताड़ा| इस वार्ड के सभासद अशोक वर्मा है तो इस सीट को अपनी पुस्तैनी बताते है| अशोक वर्मा कहाँ विकास कराते रहे? अब अशोक वर्मा मनोज अग्रवाल दोनों एक साथ गुट बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं| वहां की जनता को चाहिए कि दोनों से हिसाब करे| जैसा बोया वैसा फल उन्हें दे|

नगर के निवर्तमान अध्यक्ष मनोज अग्रवाल को भी यही भ्रम है कि बहन जी वाला दलित वोट जायेगा कहाँ? इसके यहाँ काम कराओ या नहीं कोई फरक नहीं पड़ता| दलित बस्तिओ में जो विकास हुए उसमे मनोज या बसपा सरकार का कोई योगदान नहीं था ये बात कम ही लोग जानते है| केंद्र सरकार की मलिन बस्ती सुधार योजना का पैसा आया और उससे काम हुए| मनोज ने अपनी विधायक निधि से कोई सड़क इन दलित या पिछड़ी जात की बस्तिओ में नहीं बनबाई|
एक नजर इस बस्ती के विकास पर-