फर्रुखाबाद: निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हुए 6 दिन बीत चुके हैं। अधिसूचना के साथ ही प्रदेश भर में आचार संहिता लागू हो गयी है। लेकिन जनपद में आचार संहिता का निर्वहन कराने के लिए शायद प्रशासन को सुधि नहीं है। प्रशासन के सीने पर ही प्रत्याशियों ने अपने पोस्टर लगाकर चुनौती दे दी। जिससे शायद प्रशासन अब तक बेखबर है। जनपद में पुतले फूंके जा रहे हैं, प्रदर्शन किये जा रहे हैं लेकिन पुलिस प्रशासन को पता नहीं क्यों लगता ही नहीं कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
कलेक्ट्रेट परिसर में बने जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक दीवारें नगर निकाय चुनाव के प्रत्याशियों के पोस्टर से पटी पड़ी हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की नजरें अब तक इस ओर नहीं गयी हैं। अब इसे प्रशासन की अनदेखी कहें या प्रत्याशियों की चुनौती जोकि एक प्रत्याशी ने तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर गेट पर ही अपना पोस्टर चिपका दिया।
एक तरफ प्रशासन जनपद भर में पोस्टर बैनर हटाने का प्रचार कर आचार संहिता लागू होने का ढिंढोरा पीट रही है तो दूसरी तरफ अपने ही माथे पर प्रत्याशियों के पोस्टर चिपकवा कर आचार संहिता उल्लंघन को बढ़ावा दे रहा है।
अब इन पोस्टरों को या तो प्रशासन द्वारा हटवाया जाना चाहिए था या फिर प्रत्याशियों को नोटिस जारी करना चाहिए था। देखने वाली बात यह है कि आचार संहिता उल्लंघन में अब इन प्रत्याशियों के ऊपर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। वैसे लगता नहीं है कि प्रशासन इन पर कुछ कार्यवाही कर पायेगा। इतना ही नहीं नगर में आचार सहिंता लगे होने के बावजूद सत्ता पक्ष की पार्टी द्वारा पुतले फूंके जा रहे हैं। प्रदर्शन किया जा रहा है क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं। नहीं साहब पुलिस प्रशासन तो बस वाह!वाह! करने में जुटी है। उसे आचार संहिता का उल्लंघन होता दिखायी नहीं देता। शायद इनके लिए अलग से कानून बना है। जो भी हो प्रशासन की ढिलाई का ही नतीजा कभी_कभी फसाद व बड़े झगड़ों को जन्म देता है।