फर्रुखाबाद : मसीही समुदाय ने शुक्रवार को गुड फ्राइडे परम्परागत ढंग से मनाया। शहर के सभी चर्चों में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी को बताया कि गुड फ्राइडे दु:ख एवं खुशी का मिला-जुला दिन है। चूंकि इस दिन प्रभु यीशु ने सभी को मानवता का पाठ पढ़ाया और मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त किया था, इसलिए यह दिन खुशी का है। वहीं इस दिन मानव समाज ने प्रभू को खो दिया था, इसलिए इस दिन को दु:ख के रूप में भी मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे को प्रार्थना, तपस्या व उपवास का दिन माना जाता है। करीब 2,000 साल पहले इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था।
इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘वे ऑफ द क्रॉस’ होता है। इसके तहत ईसा मसीह की माउंट कैल्वरी से 14 स्टेशनों से होते हुए पिलेट्स पैलेस तक की यात्रा की तर्ज पर एक यात्रा निकाली जाती है।
श्रद्धालु स्तुति-गान करते हुए हर स्टेशन पर जाते हैं। इस अवसर पर ईसा मसीह के साथ हुए विश्वासघास, उनकी गिरफ्तारी, मुकदमे व उन्हें सूली पर चढ़ाए जाने की कहानियां सुनाई जाती हैं।
शहर के रखा स्थित सीएनआई चर्च के पादरी हेरल्ड अमिताभ ने सभी को प्रभु ईशु के आदर्शों पर चलने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने सूली पर चढ़ने से पहले अपने शिष्यों का पैर धोकर संसार वालों को दिखाया कि कोई व्यक्ति छोटा-या बड़ा नहीं होता। खुद को कष्ट में रखकर दूसरों की सेवा करना चाहिए। ऐसा काम नहीं हो जिससे दूसरे को कष्ट हो।
इसके अलावा बढ़पुर सीएनआई चर्च, चौक स्थित चर्च में भी पादरी ने प्रार्थना शभा का आयोजन कर सम्बोधित किया।