फर्रुखाबाद: केन्द्र सरकार की ओर से आभूषणों पर एक्साइज ड्यूटी लगाये जाने के विरोध में विगत दो सप्ताह से जारी सर्राफा व्यवसायियों की हड़ताल महज एक धोखा है। दुकानें बंद कर सड़कों पर प्रदर्शन करने वालों में से अधिकांश अपने घरों के पिछले दरबाजों से धड़ल्ले से व्यापार कर रहे हैं। हड़ताल की आड़ में आम आदमी को बाजार भाव से अधिक मूल्य पर सोना बेचा जा रहा है।
विदित है कि केन्द्र सरकार की ओर से चालू वित्तीय वर्ष के बजट में आभूषणों की विक्री पर एक्साइज ड्यूटी लगा दी गयी है। सर्राफा व्यवसायी इसके विरोध में व्यापक स्तर पर विरोध कर रहे हैं। विगत दो सप्ताह से जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कहीं धरने की शक्ल में तो कहीं जुलूस और मोर्चा निकालकर। मीडिया को आकर्षित करने और खबरों में बने रहने के लिए सोमवार को तो सर्राफा व्यवसायी अर्द्धनग्न प्रदर्शन तक पर उतर आये।
परन्तु आपको यह जानकर शायद हैरत होगी कि सर्राफा व्यवसायियों की इस हड़ताल के बावजूद शहर में प्रति दिन लाखों रुपये के आभूषणों का व्यवसाय निर्वाध गति से जारी है। अधिकांश सर्राफा व्यवसायियों ने अपने घरों और प्रतिष्ठानों के पिछले दरबाजे व्यापार के लिए खोल रखे हैं। फोन से सम्पर्क कीजिए पैसा लेकर जाइए और मनचाहे आभूषण ले आइए। हां इतना जरूर है कि हड़ताल के चलते जरूरतमंद लोगों को आभूषण खरीदने के लिए बाजार भाव से अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा है। बेटी की शादी के लिए जैसे तैसे पैसा एकत्र कर आभूषण बनवाने वाले अभिभावक और परिजनों को सर्राफ हड़ताल के नाम पर मूंड रहे हैं। अंधेरे उजाले और चोरी छिपे होने वाले इस व्यवसाय ने सर्राफ आभूषणों में सोने चांदी की शुद्धता से भी समझौता कर रहे हों तो इसमें आम आदमी कुछ करने की स्थिति में नहीं है।
ऐसे ही चोरी छिपे चल रहे आभूषणों के व्यवसाय का खुलासा करने के लिए मंगलवार को जेएनआई ने कुछ सर्राफा व्यवसायियों से फोन पर बात की तो आभूषण खरीद की जरूरत बताते ही बिना किसी भूमिका के लाइन पर आ गये। किसी ने कहा दुकान पर आ जाना, किसी ने कहा पैसे लेकर आओ तो फोन कर लेना, हड़ताल है तो क्या हुआ तुम्हारा काम हो जायेगा। पैसे ले आओ माल हम देंगे।
कुछ सर्राफा व्यवसायियों से हुई जेएनआई से वार्ता के नमूने यहां प्रस्तुत हैं। आप भी इन्हें सुनकर सर्राफा व्यवसाइयों की हड़ताल की हकीकत से रूबरू हो सकते हैं।
गोयल ज्वैलर्स से वार्ता–> :P)
राधा ज्वैलर्स से वार्ता–> :P)
रामाधार सर्राफ से वार्ता–> :P)