महात्मा गांधी का एक गोल फ्रेम वाला चश्मा, चरखा और पत्र, ब्रिटेन के शॉर्पशायर में 17 अप्रैल को नीलाम होने वाले हैं। साथ ही जिस जगह गांधीजी की हत्या हुई वहां कि चुटकी भर मिट्टी और घास भी नीलाम होगी। यह नीलामी म्यूलॉक ने आयोजित की है। इससे लगभग 1 लाख पाउंड मिलने की संभावना है।
नीलामकर्ता ने इन चीजों के लिए 10 से 15 हजार पाउंड की कीमत निर्धारित की है। इनमें से सबसे ज्यादा कीमत चश्मे, चरखे और चुटकी भर मिट्टी की होगी। नई दिल्ली में गांधीजी की हत्या हुई थी। यहां की मिट्टी पीपी नांबियार ने इकट्ठी की है। इसे एक लकड़ी के बक्से में कांच के अंदर सहेज कर रखा गया है। इस बक्से में नांबियार के 24 सितंबर 1996 में लिखे गए एक पत्र का विवरण है।
इसमें लिखा है- ‘मुझे सबसे पवित्र अवशेष के रूप में उस जगह की मिट्टी का अंश मिला है, जहां हमारे राष्ट्रपिता एमके गांधी को 30 जनवरी 1948 को हत्यारे ने गोली से मार दिया था।’ म्यूलॉक ने बताया कि इस मिट्टी के साथ नांबियार का उस दिन का व्यक्तिगत पत्र भी है, जिसमें उन्होंने मिट्टी इकट्ठी करने का अनुभव बांटा है। इसका नाम ट्रू बट नेवर हर्ड बिफोर (सत्य, लेकिन पहले कभी न सुना) है।
गांधीजी का चश्मा यहां 1890 में आया, जब वे कानून की पढ़ाई कर रहे थे। इस चश्मे को समय के साथ जीर्णशीर्ण हो गया है। इसपर चश्मा बनाने वाले का पता एच कैनम ऑप्टीशियन, 23 सेंट एल्डेट स्ट्रीट ग्लॉसेस्टर भी लिखा है। गांधीजी का चरखा अब भी काम करने की स्थिति में है।