फर्रुखाबाद: मिड डे मील योजना में बच्चो को दोपहर में बना बनाया खाना मिले या न मिले केंद्र और राज्य सरकार के कोष से पैसा भरपूर खर्च हो रहा है| जनपद में 1711 स्कूलों में बर्तन उपलब्ध हो चुके है अब १३६ स्कूलों में बर्तन खरीदने के लिए 6.2 लाख रुपये और वर्षांत के चलते चलते आ ही गया|
प्रति स्कूल 5000 रुपये बर्तन खरीदने के लिए मध्याह भोजन प्राधिकरण से भेजे जा रहे है| जनपद में २५० से अधिक स्कूलों में खाना नहीं बनने की रिपोर्ट तो इंटरनेट पर ही मिल जाती है इसके अलावा आधे से ज्यादा मास्टर फर्जी रिपोर्ट भेज बच्चो को भूखा वापस भेज रहे है| ये हाल तब है जब जिले में जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक मोनिटर लगा दिए गए है| 20 हजार मासिक का एम् डी एम् जिला समन्वयक तैनात किया गया है| मगर ये सब अमला सिर्फ पैसे के बंदरबाट और खर्चे के कागजी घोड़े दौडाने के अलावा फर्जी रिपोर्टिंग करने जैसे कामो में लगा हुआ है| सरकार बदलने के साथ हो सकता है ऐसे कामचोर और नकार अफसरों पर कुछ नकेल लग सके|