अब नहीं दिखेगी टीम इंडिया में दीवार, द्रविड़ ने लिया संन्यास

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क्रिकेट के एक सुनहरे युग का अंत हो गया है। भारतीय दीवार राहुल द्रविड़ ने अपने 16 साल के क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया है। शुक्रवार को उन्‍होंने प्रेस कॉफ्रेंस कर आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की। इस प्रेस कॉफ्रेंस में राहुल द्रविड़ के साथ बीसीसीआई चीफ श्रीनिवासन और स्पिन के सरताज अनिल कुंबले भी मौजूद थे। अपने सन्‍यास का ऐलान करते हुए द्रविड़ ने कहा कि अब युवाओं का समय आ गया है।

वनडे और टी20 क्रिकेट से पहले ही सन्‍यास ले चुके राहुल द्रविड़ ने टेस्‍ट क्रिकेट से भी सन्‍यास की घोषणा की। उनके सन्‍यास की घोषणा के साथ ही भारतीय क्रिकेट के एक सुनहरे युग का अंत हो गया जिसके शुरुआत लगभग आज से डेढ़ दशक पहले हुई थी। सन्‍यास की घोषणा करते हुए राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई, अपने परिवार और साथियों का भी शुक्रिया अदा किया।

भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का धन्‍यवाद करते हुए राहुल द्रविड़ ने कहा कि उनके इस शानदार क्रिकेट करियर में क्रिकेट प्रेमियों का बहुत योगदान रहा है। टेस्‍ट क्रिकेट को अलविदा करते हुए भावुक हुए राहुल द्रविड़ ने कहा कि जब भी उनके करियर में मुश्किल दौर आया है तो उनको सभी का साथ मिला है।

टेस्‍ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्‍यादा रन बनाने वाले द्रविड़ ने भारत को कई शानदार जीतें दिलाई हैं। राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्‍ट मैच खेले हैं जिसमें उन्‍होंने 52.31 की शानदार औसत से 13,288 रन बनाए हैं। जिसमें उन्‍होंने 36 शतक और 63 अर्द्धशतक लगाए हैं। टेस्‍ट क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्‍कोर 270 रन रहा है।

वनडे क्रिकेट में राहुल द्रविड़ ने 344 मैच खेलते हुए 39.16 की औसत से 10,889 रन बनाए हैं। जिसमें 12 शतक और 83 अर्द्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा राहुल द्रविड़ ने एक टी20 मैच भी खेला है।

राहुल द्रविड़ की कप्‍तानी में भी भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। राहु द्रविड़ ने 25 टेस्‍ट मैचों में टीम इंडिया की कप्‍तानी की है जिसमें 8 टेस्‍ट मैच भारत जीता है जबकि 6 में उसे हार का सामना करना पड़ा है और 11 मैच ड्रॉ रहे हैं।

इसके अलावा राहुल द्रविड़ ने 79 वनडे मैचों में टीम इंडिया की कप्‍तानी संभाली है जिसमें उन्‍होंने 42 मैचों में भारत को जीत दिलाई है और 33 मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा है जबकि 4 मैच बेनतीजा रहे हैं।

राहुल द्रविड़ को उनकी शानदार तकनीक की वजह से भी हमेशा याद रखा जाएगा। उनके क्रिकेट को अलविदा कह देने से करोड़ों क्रिकेटप्रेमी जरूर मायूस होंगे। राहुल हमेशा ही भारतीय टीम की जीत के सूत्रधार रहे हैं। वनइंडिया की पूरी टीम राहुल द्रविड़ के शानदार क्रिकेट करियर को सलाम करती है।