होली रंगों का त्योहार है इसलिए यह जरुरी है कि किसी ऐसे हानिकारक रंगों का इस्तमाल न किया जाये जिससे रंग बिरेगे रंगों का त्योहार बदरंग हो जाए। इस समय बाजार में हानिकारक केमिकल्स से बने रंगों की भरमार है इसलिए रंग खरीदते समय सर्तक रहें क्योंकि ऐसा न हो कि आपके किसी को लाल, नीला, पीला और हरा करने के चाहत उसकी और आपकी होली को ही खराब कर दे।
लखनऊ स्थित भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान के वैज्ञानिकों ने बाजार में बिक रहे जब कुछ रेगों की जांच की तो पाया कि इसमें खतरनाक केमिकल्स की मिलावट की गयी है जो त्वचा के साथ ही साथ स्वास्थ के लिये भ्ाी हानिकारक है। वैज्ञानिक बताते हैं कि रंगों में क्रोमियम, निकिल, सीसा, कैडमियम, कोबाल्ट जैसे भारी तत्वों की मौजूदगी खतरनाक है। इन रंगों के इस्तेमाल से आंखों में जलन, लाली त्वचा में चकत्ते पड़ने व खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
रोडामीन बी हरा रंग- मैलाकाइट ग्रीन नीला रंग- मेथाइलीन ब्ल्यू पीला रंग- औरामीन सेहत के लिए घातक हैं भारी धातुएं सीसा-याददाश्त घटाता है क्रोमियम व कोबाल्ट- किडनी पर असर कैडमियम- लिवर व फेफड़े निकिल-श्वास संबंधी रोग । सलाह चिकित्सकों की – आंखों में रंग चला जाए तो तुरंत पानी से धोएं, एंटीएलर्जिक आइ ड्रॉप डालें। ज्यादा दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।