फर्रुखाबादः एक ओर जहां निर्वाचन आयोग पारदर्शिता और खुलेपन को लेकर नित नये प्रयोग कर रहा है वहीं जिला प्रशासन और उसके सलाहकारों का सारा जोर मीडिया को प्रतिबंधित करने पर है। जिलाधिकारी की ओर से शनिवार को सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोई भी पत्र प्रतिनिधि न तो मोबाइल रखेगा और न वीडियो कैमरे का प्रयोग करेगा। केवल डिजिटल कैमरे से ही एकआध फोटो खींचेगा। मजे की बात है कि इसी विज्ञप्ति में मीडिया प्रबंधन हेतु जिलाधिकारी द्वारा चार-चार अधिकारियों की नियुक्ति किये जाने की भी सूचना दी गयी।
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग चुनाव में पारदर्शिता और सूचनाओं के निर्वाध संचार हेतु जहां मतदान व मतगणना की लाइव स्ट्रीमिंग और मतदान व मतगणना केन्द्रों पर मीडिया की निर्वाध उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अपने स्तर से विशेष पास जारी करने में कोताही नहीं बरत रहा है। यहां तक कि आयोग की ओर से प्रशासन को यहां तक निर्देश दिये गये थे कि यदि कोई गैर मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मी भी पास की मांग करता है तो उसे नियमानुसार पास जारी किया जाये।
इसके विपरीत जिला प्रशासन मतदान से लेकर मतगणना तक लगातार मीडिया पर प्रतिबंध पर ही अपनी ऊर्जा लगाये रहा। शनिवार को जिलाधिकारी सच्चिदानंद दुबे के मण्डी समिति स्थित मतगणना केन्द्र के निरीक्षण का जो प्रेस नोट सूचना विभाग की ओर से जारी किया गया उसमें सर्वाधिक जोर मीडिया प्रबंधन पर ही है। प्रेसनोट के अनुसार “जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कोई भी पत्र प्रतिनिधि भी न तो मोबाइल रखेगा और न वीडियो कैमरा का उपयोग करेगा। केवल डिजिटल कैमरा से ही एकाध फोटो खींचेगा। मीडिया प्रबंधन हेतु चार अधिकारी की नियुक्ति कर दी गयी है। पत्र प्रतिनिधि दो-दो, चार-चार के समूह में अधिकारी के साथ मतगणना कक्ष तक जायेंगे। मीडिया कक्ष बना दिया गया है। उसी में सभी पत्र प्रतिनिधि निर्गत पास के साथ बैठेंगे। चक्रवार रिजल्ट बता दिया जायेगा।”
आखिर जिला प्रशासन वीडियो कैमरों से क्या छुपाना चाहता है और यदि मीडियाकर्मी मोबाइल ही नहीं रखेंगे तो फिर वह मतगणना की सूचना अपने-अपने कार्यालयों को कैसे बतायेंगे। यदि मतगणना केन्द्र के लिए मिलने वाले पास लेकर केवल एक कमरे में ही बंद कर दिया जाना है तो फिर इनको निर्गत करने का क्या औचित्य है? यह वह सवाल हैं जो शायद जिलाधिकारी को उनके योग्य सलाहकारों ने नहीं सुझाये होंगे।
मतगणना केन्द्र में जहां मतगणना केन्द्र के अंदर चारो विधानसभा की 60 मतगणना मेजों पर 16-16 मतगणना एजेंटों की दर से लगभग (60X16)एक हजार व्यक्तियों की भीड़ मौजूद होगी वहां दस-बीस या पचास मीडियाकर्मियों की उपस्थिति से कितनी बड़ी कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है, यह समझ पाना जरा मुश्किल है, और यह भी कि यह सलाहकार डीएम की क्या इमेज मीडिया में प्रोजक्ट करना चाहते हैं।