फर्रुखाबादः शहर के राममनोहर लोहिया अस्पताल में कड़ाके की ठंड के बावजूद भी मरीजों को सर्दी के नाम पर मात्र एक कम्बल ही उपलब्ध कराया जा रहा है और ज्यादातर मरीजों की दवाइयां धड़ल्ले से बाहर से लिखी जा रहीं हैं।
आये दिन हो रहे दौरे, प्रशासनिक दबाव के बावजूद भी लोहिया अस्पताल प्रशासन लापरवाही और भ्रष्टाचार की सीमा को अब लांघ चुका है। दौरे हों या किसी बड़े अधिकारी का छापा, लेकिन लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों व अधिकारियों के ऊपर इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ज्यादातर मरीज अपने घरों से रजाई लेकर आये हैं। लेकिन जो गरीब तबके के लोग हैं वह मात्र एक कम्बल से ही गुजारा कर रहे हैं। जिसको लेकर मरीजों में काफी रोष व्याप्त है। मरीजों ने अस्पताल के ऊपर दवाई बाहर से लिखने, गंदगी की सफाई न होने, बाथरूम को नहर बताकर आरोप जड़े। कई मरीज तो लोहिया अस्पताल में सस्ते इलाज के लिए आये थे, गरीबी में उनका सस्ते में इलाज हो जायेगा। लेकिन भ्रष्टाचार के दंश उन्हें यहां भी लग गये। कई मरीज आज बीसों हजार रुपये कर्ज लेकर लोहिया जैसे निःशुल्क चिकित्सालय में इलाज करा रहे है।
मरीजों ने आरोप लगाया कि प्रति दिन 500 से लेकर 1000 रुपये तक की दवाइयां बाहर के मेडिकलों से मगाई जा रहीं हैं। लेकिन उनमें से कुछ मरीज तो डाक्टर साहब के डर से कर्जे में दबे होने के बाद भी बताने को तैयार नहीं है कि उन्हें क्या परेशानी है।
लोहिया अस्पताल में भर्ती रेनू वर्मा पत्नी अनिल निवासी मन्नीगंज, रेनू गुप्ता पत्नी राजीव कुमार निवासी याकूतगंज, देवश्री शुक्ला पत्नी रामनरेश निवासी मोहल्ला हरभगत फर्रुखाबाद, दिनेशचन्द्र पुत्र पुत्तूलाल निवासी लोनार, हरदोई ने बताया कि दवाइयंा बाहर से आ रहीं हैं और सर्दी से बचने के लिए लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने मात्र एक-एक कंबल ही उपलब्ध कराया है वह भी कई साल पुराने हैं। बाथरूम में पानी भरा है तथा बार्ड़ों में गंदगी की बजह से दम घुट रहा है लेकिन लोहिया के कर्मचारी इस तरफ ध्यान देने के बजाये उल्टा मरीजो को ही धमका रहे है| बाथरूम में पानी भर जाने से वार्ड में भर्ती मरीज शौंच तक जाने को तबाह है|