फर्रुखाबाद: निर्वाचन आयोग की ओर से घर-घर जाकर निरंतर कराये जाने वाले मतदाता सूची पुनरीक्षणों की विश्वसनीयता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनपद की मतदाता सूची में केवल 42 किन्नर ही दर्ज हैं। जिन के नाम सूची में दर्ज भी हैं उनमें से अनेक के पास मतदाता पहचान पत्र तक नहीं है। निर्वाचन आयोग की ओर से पहली बार किन्नरों को अलग लिंग-“अन्य” में दर्ज करने के निर्देश के बाद यह आंकड़े सामने आये हैं।
आज भी किसी के यहां शादी-विवाह हो या किसी के घर कोई नन्हा मेहमान आया हो,और दरवाजे पर ढोलक की थाप पर तालियों से लय मिलाते किन्नरों की बधाई सुनाई पड़े तो बच्चे बुजुर्ग्गों से मुंह चुरा कर मुस्कुरा देते हैं। बुजुर्ग भी किन्नरों के पहुचंने की आहट लगते ही उनके नेग की चिंता करने लगतो है। परंतु हमारी हर खुशी में बधाइयां गा कर अपना गुजारा करने वाले किन्नरों की गणना का अभी तक कोई हिसाब नहीं था। पहली बार जनगणना में व उसके बाद मतदाता सूची में उन्हे अलग से चिन्हित करने का प्राविधान किया गया है। परंतु कथित रूप से घर घर जाकर किये गये मतदाता सूची पुनरीक्षण आंकड़ों के अनुसार जनपद के कुल 11 लाख 90 हजार मतदाताओं में मात्र 42 किन्नर है। जबकि यह संख्या तो नगर क्षेत्र के कुल किन्नरों से भी कम है।
02.01.2012 के आधार पर मतदाताओं की संख्या |
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क्रमांक |
विधान सभा क्षेत्र की संख्या व नाम |
पुरुष |
महिला |
अन्य (किन्नर) |
योग |
1 |
192. कायमगंज |
1,83,804 |
1,45,270 |
6 |
3,29,080 |
2 |
193. अमृतपुर |
1,497,71 |
1,18,160 |
9 |
2,67,940 |
3 |
194. फर्रुखाबाद |
1,69,799 |
1,39,972 |
14 |
3,09,785 |
4 |
195. भोजपुर |
1,55,745 |
1,27,203 |
13 |
2,82,961 |
योगः- |
6,59,119 |
5,30,605 |
42 |
11,89,766 |