विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी जयपुर साहित्य उत्सव में शामिल होने भारत आएंगे? इसका सही-सही जवाब मंगलवार को भी नहीं मिल सका। साहित्य उत्सव के एक आयोजक संजय रॉय ने कहा कि रुश्दी अपने कार्यक्रम में बदलाव के चलते पहले दिन 20 जनवरी को भारत में नहीं होंगे लेकिन उत्सव लेखक को दिए अपने निमंत्रण पर कायम है।
’जयपुर साहित्य उत्सव की वेबसाइट में उनका नाम अब भी वक्ताओं की सूची में है। रुश्दी शामिल होंगे या नहीं, इस पर आयोजनकर्ताओं ने चुप्पी साध ली है । यह उत्सव 20 से 24 जनवरी तक चलेगा। इस बीच, रुश्दी को रुकवाने के मसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह मंत्री पी. चिदंबरम से दिल्ली में मंगलवार को मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि केंद्र ने इसे राज्य व आयोजकों का मामला बताया है। गहलोत ने चिदंबरम से कहा कि रुश्दी की मौजूदगी से तनाव फैल सकता है। राजस्थान के लोग नहीं चाहते कि रुश्दी आएं। इससे पहले, दारूलउलूम देवबंद ने केंद्र से अपील की थी कि वह रुश्दी को वीजा न दे। इसके बाद रुश्दी ने ट्विटर पर कहा था कि उन्हें भारत जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है।
नहीं रोक सकती सरकार : गहलोत ने कहा कि रुश्दी भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) हैं तथा सरकार उन्हें भारत आने से नहीं रोक सकती और न ही आयोजकों को कोई सलाह दे सकती है। उन्होंने कहा साहित्य उत्सव की दुनियाभर में चर्चा होती है। आयोजक भी नहीं चाहेंग कि उसकी छवि पर कोई असर पड़े। सोशल साइट्स पर प्रतिक्रिया भारतीय राज्यतंत्र एक व्यक्ति की सुरक्षा देने में भी सक्षम नहीं है ।सीमा सिरोही रुश्दी यहां बुलाकर इस्लामिक विद्वानो से बात करवानी चाहिए। उनके साथ मकबूल फिदा हुसैन जैसा व्यवहार हो रहा है ।