फर्रुखाबादः शुक्रवार को अपने चुनावी दौरे पर पहुंचीं भाजपा नेत्री साध्वी उमा भारती ने अपने पारम्परिक अंदाज में राम और रोटी से लेकर सुशासन तक सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली। कल्याण सिंह के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं कल्याण सिंह का विकल्प नहीं हो सकती, मैं तो उनकी बेटी और उत्तराधिकारी हूं।
नबावगंज स्थित रामलीला ग्राउंड में आयोजित जनसभा के दौरान उमा भारती ने कहा कि मुझे बाहरी नेता कहने वालों को मैं बता देना चाहती हूं कि मैं एक सन्यासी हूं और सारी धरती सन्यासी की होती है। सन्यासी होने का अर्थ यह नहीं है कि मेरा कोई घर न हो, सन्यासी होने का अर्थ यह है कि सारे घर मेरे हैं। उन्होंने सपा और बसपा की सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुलायम और माया तो तो यादवों और दलितों तक का उद्धार नहीं कर सके। ये तो केवल अपने और अपने कुनबे की तिजोरी भरते रहे।प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था पर उंगली उठाते हुए उमा भारती ने कहा कि मैने तो सपने में भी भगवान से केवल सुशासन की ही कामना की है। उन्होंने कहा कि जब मैं मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री थी तब गुण्डे अपने घरों से बाहर नहीं निकलते थे।
उन्होंने कहा कि मायावती मुझे बाहर से लाये गये नेता के तौर पर इंगित करतीं हैं, तो मैं उन्हें बता देना चाहती हूं कि मैं एक सन्यासी हूं और रामचरित मानस में कहा गया है कि सारी धरती सन्यासी की है। सन्यासी होने का यह अर्थ नहीं है कि मेरा कोई घर न हो। सन्यासी होने का अर्थ होता है कि सारे घर मेरे हैं। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह कह रहे हैं कि भाजपा मुझे उनके विकल्प के तौर पर लायी है तो मैं बहुत आदर के साथ कहना चाहती हूं कि मैं उनका विकल्प नहीं हूं, मैं तो उनकी पुत्री हूं और इस नाते उनकी उत्तराधिकारी हूं।
राम जन्मभूमि के मुद्दे पर उमा भारती ने कहा कि हमसे पूछा जाता है कि यदि प्रदेश में हमारी सरकार बन गयी तो हम क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि रामजन्म भूमि प्रदेश सरकार के नियंत्रण में नहीं है, हां यदि हमारी सरकार बनी तो हम केन्द्र सरकार से यह अनुरोध अवश्य करेंगे कि वह यह भूमि राम जन्म भूमि न्यास को सौंप दे। जिससे कि राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रसस्त हो सके। उन्होंने राम मंदिर और सुशासन के नाम पर भाजपा के प्रत्याशियों को कमल का बटन दबाकर जिताने का आहृवाहन किया।