बसपा प्रत्याशियो के यहाँ डम्प है करोडो की सरकारी प्रचार सामग्री

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फर्रुखाबाद: आम जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से बनी सरकार की उपलब्धियो वाली प्रचार सामग्री का उत्तर प्रदेश में राजनितिक इस्तेमाल हुआ है| करोडो रुपये सरकारी खजाने से खर्च कर ये प्रचार सामग्री वाला साहित्य जो सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के द्वारा बटना था, सीधे बसपा के प्रत्याशियो को दिया गया| इतना ही नहीं बसपा प्रत्याशियो से इसके एवज में पैसे भी वसूले गए| ये खुलासा उन नेताओ ने किया है जिनके बसपा से टिकेट काटे गए| अचार संहिता लागू होने के बाद अब इस प्रचार सामग्री का क्या होगा इस पर सरकार का कोई भी नुमायन्दा बोलने को तैयार नहीं है|

उत्तर प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी सरकार ने सरकारी धन का उपयोग अपनी पार्टी और सरकार की उपलब्धियो का बखान करने के लिए किया है| वैसे तो ये काम हर सरकार करती रही है मगर बसपा सरकार ने इसमें भी दोहरा खेल खेला| सरकार की उपलब्धियो वाली कई सौ करोड़ किताबे जिन पर सूचना एम् जनसम्पर्क विभाग अंकित है बसपा के प्रत्याशियो को सीधे सीधे मुहैया करायी गयी| हर प्रत्याशी को एक एक ट्रक किताबे दी गयी जिसके एवज में उनसे बिना लिखा पढ़ी के 1.5 लाख रुपये भी वसूले गए| फर्रुखाबाद में बसपा से निकाले या टिकेट से बेदखल किये गए प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह राठौर और नागेन्द्र शाक्य ने ये खुलासा किया है| नागेन्द्र सिंह राठौर के घर पर अभी भी एक ट्रक किताबे रखी है| यही हाल बसपा से टिकेट गवां चुके कुलदीप गंगवार का है|

आचार संहिता लागू होने के बाद सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने एक आदेश जारी कर होल्डिंग जरुर हटवा दिए थे मगर करोडो वो किताबे जिन पर उत्तर प्रदेश जनसम्पर्क विभाग छापा गया है वे किताबे चोरी छिपे बसपा द्वारा प्रचार सामग्री के रूप में बाटा जा रहा है|

नाम न छापने की शर्त पर सूचना जनसम्पर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ये साहित्य जनसम्पर्क विभाग द्वारा वितरित न करके सीधा बसपा पार्टी द्वारा किया गया| यानि बात साफ़ है कि उत्तर प्रदेश में सरकार बसपा संगठन चलता रहा और सरकारी अधिकारी मूक दर्शक बन तमाशा देखते रहे|