शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अभ्यर्थियों ने नए सिरे से नौ सवालों पर आपत्ति जताई गयी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि विशेषज्ञों ने सवालों के जो जवाब चुने हैं, उसे पूरी तरह उपयुक्त नहीं माना जा सकता। कई किताबों का हवाला देकर उसके मुकाबले दूसरे जवाब को ज्यादा उपयुक्त बताया गया है। अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद से आपत्ति जताई है, साथ ही उसकी प्रति निदेशक और सचिव माध्यमिक शिक्षा को भी भेजी गई है। अभ्यर्थियों का दावा है कि सोमवार और मंगलवार मिलाकर तीन सौ से अधिक छात्रों ने नौ सवालों के जवाब पर आपत्ति जताई है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नए सिरे से अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी हैं। आपत्तियों के लिए एक जनवरी तक का मौका दिया गया है। टीईटी अभ्यर्थी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मंगलवार को बड़ी संख्या में आवेदक बोर्ड दफ्तर पर जुटे और खामियां दूर करने को आवेदन किया। संगठन सदस्यों का आरोप है कि बोर्ड की तरफ से 25 नवंबर को जो नतीजे जारी किए गए, उसमें भारी गड़बड़ियां थीं। लगातार आपत्तियों के बाद चार बार संशोधन हुआ, दो दिसंबर को नए सिरे से परिणाम जारी किया गया लेकिन गड़बड़ियां दूर होने के बजाय बढ़ गईं। शिकायतकर्ता नए परिणाम से ज्यादा नाराज हैं। कई अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें पहले परिणाम में 110 या अधिक अंक मिले जबकि संशोधन में उन्हें फेल कर दिया गया।