फर्रुखाबाद : कोतवाली मोहम्मदाबाद के अंतर्गत आने वाली पखना चौकी के इंचार्ज उपनिरीक्षक बनी सिंह शनिवार सांयकाल हमराह सिपाही अपनी मोटर साइकिल पर गश्त के लिये निकले थे। कटिन्ना व बिहार गांव के बीच सुनसान स्थान पर रास्ते के किनारे खड़ी पतेल में पहले से घात लगाये बैठे बदमाशों ने मोटर साइकिल करीब आने पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में बनी सिंह व रामवीर दोनों घायल होकर गिर पड़े। बदमाश चौकी इंचार्ज बनी सिंह की सर्विस रिवाल्वर व मोबाइल छीन कर मौके से फरार हो गये थे|
आज सुबह मृतक सिपाही रामबीर के शव का पोस्टमार्टम कर उसके शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां पुलिस अधीक्षक के इंतजार में शव तकरीबन एक घंटे रखा रहा। एक घंटे विलम्ब से पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने शहीद सिपाही रामबीर को श्रद्धांजलि दी व मृतक के परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि पुलिस उनके परिवार को हर संभव मदद देगी।
पुलिस लाइन में माहौल सुबह से ही गमगीन था। भारी भीड़ शहीद सिपाही की एक झलक पाने के लिए बेकरार थी। एक तरफ सलामी देने के लिए भारी पुलिस बल खड़ा था, वहीं दूसरी तरफ मृतक की पत्नी सुमन यादव व उसकी वृद्व मां पति व बेटे के गम में बुरी तरह से रो रहीं थीं। रामबीर के दो मासूम बेटे 12 वर्षीय अमन उर्फ लकी जोकि कक्षा 8 में, 6 वर्षीय सुमित कक्षा 2 का एसबी रोजी स्कूल के छात्र हैं। मासूम दोनो बच्चे यह नहीं जानते कि आखिर उनके पिता के साथ क्या हो रहा है। छोटा बेटा सुमित तो मौत क्या होती है इससे बिल्कुल अनजान है। बड़े बेटे अमन ने बताया कि उसके पिता को बदमाशों ने गोली मार दी। मैं भी बड़ा होकर पुलिस में ही भर्ती होकर देश सेवा करूंगा। पिता की मौत के बाद भी उसके बेटे का हौसला अभी नहीं डगमगाया व वह पुलिस में भर्ती होने की बात करता रहा।
मृतक सिपाही के बड़े भाई पूर्व प्रधान सुखवीर ने बताया कि रामबीर 1991 के बैच में भर्ती हुआ था व अभी कुछ दिन पूर्व छुट्टी पर आने के बाद हम लोगों को बताया कि चौकी में किसी बात को लेकर दरोगा बनी सिंह से विवाद हो गया है। सुखवीर ने शंका जाहिर की कि शायद इस घटना के पीछे उन लोगों का हाथ तो नहीं। रामबीर के शव को परिजन अपने गाँव नरिया नगला जसवंत नगर ले गए| साथियों ने रामबीर को नम आँखों से विदाई दी|
पुलिस अधीक्षक ओपी सागर ने बताया कि फर्रुखाबाद में अपराध बड़ गया है। इस गोली काण्ड की जांच चल रही है। शीघ्र ही अपराधियों को पकड़कर कार्यवाही की जायेगी।