चंदा मामा से आंख मिचौली के लिए तैयार रहिए। शनिवार को चंद्रग्रहण लगेगा। रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि पर होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण कई जगह देखा जाएगा। इसका नजारा भारत के साथ अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तर अमेरिका, ग्रीनलैंड, हिंद व प्रशांत महासागर, पूर्वी अमेरिका, कनाडा में भी होगा। ज्योतिर्विद इसे काफी सुखद बता रहे हैं।
श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य पं. देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार चंद्रग्रहण का ग्रास मान 1.10 व चंद्र बिमबांगुल 12 होगा। चंद्रग्रहण के दौरान दानपुण्य करने से एक अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी। तंत्र-मंत्र की साधना ग्रहण स्पर्श होने व मोक्ष होने तक करने से वह पूर्ण सिद्ध होगा।
चंद्रग्रहण की स्थिति
स्पर्श —–6.15 बजे
मध्य——8.03 बजे
मोक्ष——9.50 बजे
नोट : चंद्रग्रहण का सूतक सुबह 9.16 बजे से लग जाएगा।
दानपुण्य से दूर होगा कष्ट
चंद्रग्रहण पर दानपुण्य करके विपत्तियों को दूर किया जा सकता है। इसमें धन, मेवा, मिष्ठान, बताशा, चावल, सफेद फल, सफेद वस्त्र का दान लाभकारी होगा। यह दान किसी जरूरतमंद को करने से अधिक पुण्य मिलेगा।
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चंद्रग्रहण पर क्या करें
-‘ओम नम: शिवाय या ओम रांग राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
-ग्रहण का समय पूजन में बिताए।
-गर्भवती स्त्रियां पेट में गोबर लगाएं या अपने पास कुशा रखें।
-खाद्य पदार्थो के बर्तन में गोबर लगाएं या कुशा रखें।
-ग्रहण के बाद स्नान करें या गंगाजल अपने ऊपर छिड़कें।
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ग्रहण के दौरान क्या न करें
-पका भोजन न करें।
-खुली आंखों से ग्रहण न देखे।
-इधर-उधर टहले नहीं।
-गर्भवती स्त्रियां ग्रहण न देखे।
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कोई भी व्यक्ति खुली आंखों से ग्रहण न देखें। मौसम साफ रहने पर नेहरू तारामंडल में चंद्रग्रहण को दिखाया जाएगा। इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।