केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सहित देश के एक दर्जन बड़ेराज्यों में मनरेगा (MNREGA) की जांज नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) को सौंप दी है।
सीएजी जिम्मेदारी केन्द्र को सौंपा गया है के बाद
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आयोजन करने में अनिच्छा प्रदर्शित किये जाने के बाद केंद्र सरकार ने इसकी जांच सीएजी से कराने का निर्णय लिया है। ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि में अनियमितताओं के संबंध में लंबित शिकायतों की सर्वोच्च संख्या का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश को जांच में वरीयता पर रखने को कहा है।
बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड को भी जो सीएजी की समीक्षा चयनित किया गया है।
सीएजी, विनोद राय को एक पत्र में मंत्री ने नरेगा में अधिनियम के तहत प्रावधानों, नियमों के बारे में उल्लेख किया है. उन्होंने नरेगा के लिए मंजूर प्रशासनिक खर्च में अनियमितताओं के विषय में विशेष रूप से उल्लेख किया है। MNREGA के लिए आवंटित कुल बजट का 6 प्रतिशत (2400 करोड़ रुपये) प्रशासनिक खर्च के लिए दिया जाता है.