दलबदलुओं के सहारे कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग

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सत्ता में वापसी को बेकरार कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधान सभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची में मुस्लिम, पिछड़ों और ठाकुरों को भरपूर तरजीह दी। बंजारा व मल्लाह जैसी बिरादरियों को भी प्रतिनिधित्व दे कांग्रेस अपने खोए वोट बैंक की वापसी चाहती है। पहली सूची में नौ मुस्लिम शामिल करने के बाद दूसरी लिस्ट में भी दस मुसलमानों को शामिल किया गया। अल्पसंख्यक कोटे में एक सिख को भी उतारा गया है। पहली सूची नौ और दूसरी में 11 टिकट देकर कांग्रेस ने बसपा से नाराज व सपा से मायूस दिख रहे क्षत्रियों पर डोरे डालने की कोशिश की है। परन्तु सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला दलबदलुओं के सहारे तैयार किया है। जिसके चलते 25 फीसदी टिकट बाहर वालों को थमा देने से पुराने कार्यकर्ताओं में बेचैनी है।

कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी सूची में सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुईं उर्मिला यादव को जसराना से टिकट दिया गया है। उर्मिला सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की रिश्तेदार हैं। इसके अलावा सपा छोड़कर आईं मिथिलेश यादव, बेगम इशरत रसूल, राकेश वर्मा, राम खिलावन पासी, अशोक सिंह बेबी, अली अकबर, आशिक अली को भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है।

बसपा में रह चुके मथुरा पाल, भगवान सिंह शाक्य, हुलासीराम राजपूत, माया प्रसाद, डॉ. एमएच खान, केशव बाबू शिवहरे, भोलानाथ भारती, जयराम विमल, वीरेंद्र चौधरी, तलत अजीज पर भी कांग्रेस ने दांव लगाया है।

भाजपा के मौजूदा विधायक सुखलाल का नाम भी सूची में शामिल है। सुखलाल के कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चाएं विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान ही शुरू हो गई थीं और कांग्रेस ने उन्हें अपने पाले में खड़ा करके भाजपा को झटका दे दिया। सुखलाल के अलावा भाजपा छोड़कर आए पूर्व मंत्री विनोद तिवारी, पूर्व सांसद राम नारायण पासवान को भी कांग्रेस ने टिकट दे दिया है।

जनमोर्चा में रहे उत्पल कुमार राय को भी टिकट मिल गया है।