अन्ना हजारे के खिलाफ बयानबाजी से कांग्रेसी नेता बाज नहीं आ रहे हैं। अन्ना हजारे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी उनसे माफी मांग चुके हैं। उत्तराखंड के संसदीय कार्यकारी मंत्री हरीश रावत ने मनीष तिवारी से कोई सीख नहीं ली है। अन्ना हजारे के आंदोलन के समय एक नारा सबकी जुबान पर आ गया था। ‘मैं अन्ना तूं अन्ना’ हरीश रावत ने इस नारे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि ‘मैं अन्ना तूं भी अन्ना, ये भी अन्ना वो भी अन्ना, सब साथ बैठ चूसेंगे गन्ना’। उनके इस बयान पर एक बार फिर राजनीति गर्म हो सकती है।
16 अगस्त को अन्ना हजारे के अनशन शुरू करने से एक दिन पहले कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर तीखा वार किया था। कांग्रेस प्रवक्ता ने उनसे तूं के लहजे में बात करते हुए उन्हें भ्रष्टाचारी तक कह दिया था। मनीष तिवारी ने उन्हें सेना का भगौड़ा करार देते हुए फिरौती के मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भिजवा दिया था। इसके बाद अन्ना के आगे झुकते हुए सरकार ने उन्हें अनशन की इजाजत दे दी थी। सरकार ने अन्ना हजारे की शर्तें भी मान ली थीं। जिसके बाद अन्ना हजारे ने 12 दिन बाद अपना अनशन तोड़ा था।
इतना सब होने के बाद भी कांग्रेस के कई गैर जिम्मेदार नेताओं को सबक नहीं मिला है। सरकार पहले ही खासतौर पर अपने नेताओं से अन्ना हजारे पर कोई भी व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचने के लिए कह चुकी है। अन्ना हजारे को पूरे देश में जिस तरह का समर्थन मिल रहा है उस हिसाब से हरीश तिवारी को भी इस मामले में मनीष तिवारी की तरह अन्ना हजारे से माफी मांगनी पड़ सकती है। वैसे वे अपनी सफाई देते हुए कह चुके हैं कि मीडिया ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है।