फर्रुखाबाद: एक 5 साल के मासूम छात्र ने स्कूल में टेबल में दांत से खरोच दिया तो स्कूल की प्रबंधिका/प्रिंसिपल ने बेदर्दी से डंडे और थप्पड़ से जमकर पीटा| बेचारा मासूम चुपचाप रोता रहा| नौकरी के डर से किसी शिक्षक ने उसका विरोध तक नहीं किया|
मामला फतेहगढ़ के नगलादीना स्थित एक चमचमाते स्कूल का है और घटना गुरूवार 25 अगस्त 2011 की| चर्चा है कि सूरज की किरणों की तरह स्कूल को चमकाने के चक्कर में बच्चो को पीटने वाली मैडम ने स्कूल में अनुशासन बनाने के लिए उत्पीडन का ये तरीका अपना रखा है|
कानून का पालन नहीं कर सकते तो कम से कम सह्रदय तो बने होते| क्या ऊँची और चमचमाती बिल्डिंग बनाने से किसी स्कूल की पहचान बन जाएगी| इस स्कूल में मैडम ने नया बच्चो के लिए नया फर्नीचर मंगवाया है| बताते हैं रंगबिरंगी मेज कुर्सी के सहारे फीस अच्छी मिल सके और स्कूल का वातावरण भी अच्छा लगे इसलिए ऐसा किया गया| मगर खेलने कूदने और शरारत करने की उम्र वाले कक्षा 1 के एक छात्र ने प्लास्टिक की मेज को दांत से कुरेद दिया| स्कूल प्रबंधिका को पता चला तो मैडम लाल पीली हो गयी| आव देखा न ताव एक छड़ी उठायी और मासूम के हाथ और पीठ पर चलाने लगी दनादन| सुना है कि एक छड़ी तो टूट गयी| बच्चा रोता रहा और मैडम का दिल नहीं पसीजा| सूत्र बताते है कि पिटाई करते समय मैडम चिल्ला रही थी- “अभी तो फर्नीचर का पेमेंट तक नहीं कर पाया है और बदमाश ने मेज काट दी”| ये है महगे स्कूल में बच्चो को पढ़ाने का नतीजा|
फिलहाल जेएनआई को ये खबर उस पीटने वाले बच्चे के एक सहपाठी ने बताई है| मालूम नहीं कि उस बच्चे के अभिभावक तक बात पहुची है या नहीं| मगर अगर पहुची और उसने स्कूल के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया तो ये अपराध थमने वाला नहीं| इस प्रकार के अपराध से न केवल स्कूल की मान्यता रद्द हो सकती है बल्कि बच्चो पर जुल्म करने के एवज में स्कूल प्रशासन को जेल की हवा खानी पड़ सकती है|