एक दर्जन गाँव में पानी घुसा, बाढ़ चौकियां सूनी

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फर्रुखाबाद: गंगा व रामगंगा में लगातार पानी छोड़े जाने से दोनों नदियों ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है| जिस कारण तटीय क्षेत्रों के लोगों में भय व्याप्त हो गया है| किसी भी आपदा से निपटने के लिए बाढ़ चौकिया तो हैं लेकिन कहते हैं न जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले चूहे भागते हैं वही हाल बाढ़ राहत चौकियों पर तैनात किये गए इन कर्मचारियों व अधिकारियों का है|

ग्रामीण स्वयं को इस बाढ़ से निपटने के लिए अपने परिजनों सहित सुरक्षित स्थान की तलाश में इधर उधर भागने पर मजबूर हो गए हैं| नरौरा बाँध व कालागड़ से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण गंगा व रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है| जिसके चलते अमैयापुर, चपरा, गुडेरा, रूलापुर, वीरानगर आदि दर्जनों ग्रामों में पानी घुस गया है| लोग सड़क के किनारे तम्बू लगाकर अपना जीवन गुजार रहे हैं|

अमैयापुर की पुलिया के ऊपर से कमर तक बाढ़ का पानी बह रहा है| राजपुर से गुडेरा सम्पर्क मार्ग बंद हो गया है| लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए बाढ़ चौकियों पर तैनात किये गए कर्मचारी व अधिकारी गायब हो चुके हैं| ऐसे में प्रशासन द्वारा बाढ़ से लोगों को बचाने के वायदे खोखले सावित हो रहे हैं|