लखनऊ।। इस वक्त पूरा देश अन्ना हजारे के समर्थन में उमड़ पड़ा है लेकिन राष्ट्रीय लोकमंच के प्रमुख अमर सिंह ने टीम अन्ना की ईमानदारी पर सवाल उठाया है। अमर सिंह ने कहा है कि जब तक शांति भूषण और प्रशांत भूषण जैसे लोग हजारे के बगलगीर रहेंगे तब तक उनके आंदोलन पर सवालिया निशान लगा रहेगा।
अमर सिंह ने कहा कि हजारे सामाजिक आंदोलन के लिए तो परिपक्व व्यक्ति हैं लेकिन सियासत में सियासी हथियारों की जरूरत होती है। हजारे की जंग सड़कों पर नहीं लड़ी जा सकती, यह लड़ाई संसद में ही मुकम्मल हो सकती है।
एक इफ्तार पार्टी में शरीक हुए अमर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को ‘मैनेज’ करने का बयान देने वाले टीम अन्ना के सदस्य शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण जैसे लोग जब तक हजारे के साथ रहेंगे तब तक उनके आंदोलन की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा रहेगा।
लोकमंच प्रमुख ने एक सवाल पर कहा, ‘हजारे का आंदोलन निरर्थक नहीं है लेकिन उस पर दाग जरूर लगा हुआ है। हजारे को अपना दामन साफ कर लेना चाहिए। हम चाहते हैं कि वह बेदाग चांद बनें।’
अमर सिंह ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई के दौरान देश को एक राजनीतिक विकल्प दिया था, अब हजारे को भी ऐसा ही विकल्प देना होगा। प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए और मैं इस मुद्दे पर सरकार के साथ हूं। अगर हम अपने प्रधानमंत्री पर ही शक करने लगेंगे तो देश कैसे चलेगा।’