फर्रुखाबाद: लोहिया अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा प्रकोष्ठ में डाक्टर मौजूद न होने के कारण इलाज के लिये आया पीएसी जवान घंटों दर्द से तड़पता रहा।
विदित है कि लोहिया अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा प्रकोष्ठ में रात्रि कालीन डाक्टर की ड्यूटी प्रात: आठ बजे तक की होती है। परंतु आम तौर पर डाक्टर प्रात: छह बजे ही घर चले जाते हैं। सुवह की ड्यूटी पर आने वाले डाक्टर अमूमन प्रात: आठ के स्थान पर नौ बजे तक आ पाते हैं। इस दौरान अस्पताल पूरी तरह फार्मेसिस्ट व वार्ड ब्याय पर निर्भर रहता है। बुधवार को प्रात: लगभग सवा छह बजे 28 पीएसी बटालियन का न्यायालय फतेहगढ़ में तैनात जवान जितेंद्र सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह यादव को अचानक तेज पेट दर्द की शिकायत होने पर उसका साथी सुरेश कुमार लेकर आया। परंतु यहां कोई डाक्टर मौजूद न होने के कारण उसका प्राथमिक इलाज भी शुरू नहीं किया गया। पीएसी जवान घंटो दर्द से तड़पता रहा। लगभग साढ़ आठ बजे मीडिया कर्मियों के पहुंच जाने व दर्द से कराह रहे जवान को फार्मासिस्ट ने तरस खाकर उसको एक बेड पर शिफ्ट किया और एक इंजेक्शन भी दिया। तब कहीं जाकर उसकों कुछ आराम आया।