फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते लगभग आठ साल पूर्व विवाहिता को बाइक ना देनें में मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला देनें में पति, सास व ननद को विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट महेंद्र सिंह (चतुर्थ) ने दोषी पाते हुए साल साल की सजा दी है| इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया गया है|
बीते 18 जनवरी 2018 को जनपद हरदोई के हरपालपुर सेमरिया निवासी लोकनाथ नें फर्रुखाबाद के थाना नवाबगंज में एफआईआर पंजीकृत करायी थी| जिसमे कहा था कि उसने पुत्री पूनम का विवाह चार साल पूर्व ही धर्मेन्द्र कुमार पुत्र राजवीर निवासी गगलऊ नवाबगंज के साथ दान-दहेज के साथ की थी| लेकिन ससुराली दहेज से संतुष्ट नही थे | ससुराली अतिरिक्त दहेज में बाइक की मांग कर रहे थे | बाइक ना देनें पर पूनम के साथ मारपीट भी शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी भी देनें लगे | 6 नवंबर 2017 को दिन में करीब 3 बजे मिट्टी का तेल डालकर पुत्री पूनम को जिंदा जला दिया जिससे वह उसे आवास विकास के सिटी अस्पताल में भर्ती करके चले गये | लोक नाथ ने कहा कि एक महीनें तक उसी अस्पताल में इलाज कराया और उसके बाद वह पुत्री पूनम को जनपद हरदोई के जिला अस्पताल में भर्ती कराया | जहाँ दौराने इलाज 20 दिसंबर 2017 को पूनम नें दम तोड़ दिया | थाना नवाबगंज पुलिस नें आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नही की| जिसके बाद एसपी के आदेश पर पुलिस नें आरोपी पति धर्मेन्द्र, देवर राहुल, ससुर रामवीर, सास शकुंतला व ननद शर्मा के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया| जिसके बाद तत्कालीन सीओ अखिलेश राय नें मुकदमें की विवेचना कर सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की| न्यायालय नें सुनवाई के बाद पति धर्मेन्द्र, सास शकुंतला व ननद शरमा को दोषी करार देते हुए अदालत ने अलग-अलग धाराओं में तीनों को 7 साल की सजा व 30 हजार रुपयों का अर्थदंड लगाया है | लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर 1 साल की सजा अतिरिक्त काटनी पड़ेगी।