गैस एजेंसी न होने के कारण ब्लैक का बाज़ार गर्म

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फर्रुखाबाद: कस्बा मोहम्मदाबाद में गैस एजेंसी न होने के कारण यहाँ पर पूरे साल गैस की कालाबाजारी का बाज़ार गर्म रहता है| एजेंसी न होने के बावजूद कस्बा व आसपास ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों सिलेंडरों की प्रतिदिन आपूर्ति होती है। गैस की कालाबाजारी में गैस प्लांट के कुछ कर्मचारियों की सांठगाठ से भी जा सकता।

घटतौली के बाद सवा छः सौ का एक सिलिंडर

इस अवैध कारोबार से जुड़े सूत्रों के अनुसार सिलेंडरों का धंधा करने वालों की गैस ढोने वाले ट्रक चालक व गैस एजेंसियों के मालिकों से सांठगांठ रहती है। यह लोग ट्रक चालकों व गैस एजेंसी के मालिकों से 80 से 100 रुपया प्रति सिलेंडर के हिसाब से ब्लेक में ले लेते हैं तथा खाली सिलेंडर ट्रकों में भर देते हैं। आमदनी का कुछ हिस्सा ट्रक चालकों को भी दिया जाता है। इसके बाद गैस सिलेंडर फुटकर विक्रेताओं को 500 रुपये प्रति सिलेंडर के रेट पर मिलता है। जिसको फुटकर विक्रेता 600 रुपये प्रति सिलेंडर के हिसाब से बेचता है। अर्थात, 345 रुपये वाला गैस सिलेंडर 600 से 625 रुपये तक में उपभोक्ताओं को मिलता है। कुकिंग गैस का धंधा करने वाले घटतौली में भी नहीं चूकते। प्रत्येक सिलेंडर की सील हटाकर दो से तीन किलो तक गैस भी निकाल लेते हैं। कई ट्रक चालक तो ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रक खड़ा करके रात में सिलेंडरों से दो-दो किलो गैस निकालकर कई सिलेंडर तैयार करके बेच देते हैं। गैस की कालाबाजारी में गैस प्लांट के कुछ कर्मचारियों की भी सांठगाठ है।

पुलिस की मिलीभगत से चलता है कारोबार

गेसिंगपुर स्थित छोटू ढाबा के बाहर खड़े गैस सिलेंडरों से भरे तीन ट्रक विगत वर्ष भी पकड़े गये थे। तब भी इन्हीं पूर्ति निरीक्षक मुन्ना सिंह गौर ने ट्रक संख्या आरजे 05जी/4295, यूपी 76 ई/9011,आरजे 05जीए/0068 के चालकों क्रमश: , शिवकुमार, उपेंद्र कुमार तिवारी निवासी ग्राम महोली थाना सीतापुर तथा कठेरियन नगला निवासी रामशरन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। ट्रक संख्या आरजे 05जीए/0068 में 294 घरेलू भरे गैस सिलेंडर तथा पांच व्यवसायिक सिलेंडर, घरेलू गैस सिलेंडरों में निर्धारित वजन से कम गैस पायी गयी थी। ट्रक संख्या यूपी 76 ई/9011 में 294 तथा 6 सिलेंडर व्यवसायिक थे। उसमें चार घरेलू गैस सिलेंडरों में गैस कम पायी गयी थी। ट्रक संख्या आरजे 05जी/ 4295 में 294 एवं 6 व्यवसायिक सिलेंडर थे। जिसमें दो घरेलू गैस सिलेंडरों में गैस कम पायी गयी थी। आरोपियों के पास गैस सिलेंडरों से गैस निकालने के उपकरण भी पाये गये थे। घटना के एक वर्ष बाद भी इस केस में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है| ज़ाहिर है कि पूरा कारोबार पुलिस की सांठ गाँठ से चलता है|