फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा में फर्जी कामो के रिकॉर्ड टूट रहे है| फर्जी मिड डे मील, फर्जी छात्र संख्या, अध्यापको की फर्जी उपस्थिति, फर्जी निर्माण रिपोर्ट्स, स्कूलों में फर्जी टंकिया और अब शिक्षा गुणवत्ता के लिए मास्टरों के फर्जी प्रशिक्षण का मामला पकड़ में आया है|
बुधवार ११ मई 2011 को बेसिक शिक्षा कार्यालय से सटे केंद्र सरकार की परियोजना सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय में शिक्षको के लिए प्रशिक्षण की किताबे घोटालेबाज किसी कबाड़ी की दूकान पर ठिकाने लगाने जा रहे थे मीडिया की जागरूकता के चलते पकड़ी गयी| ये किताबे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशिक्षण के दौरान शिक्षको को बाटी जानी थी| वर्ष 2010-11 के सत्र की समाप्ति के बाद भारी मात्रा में इन किताबो का पकडे जाने से शिक्षा गुणवत्ता के प्रशिक्षणों पर भी संदेह उठा| मीडिया की सूचना पर एसडीएम रविन्द्र कुमार ने छापा मारा था और रंगे हाथ सर्व शिक्षा अभियान के कर्मियों को पकड़ लिया| मौके पर ही कई शिक्षको और कर्म्यियो के बयान बेसिक शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में दर्ज किये गए|
एस डी एम ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को कारवाही के लिए प्रेषित कर दी है| सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एस डीएम रविन्द्र कुमार ने शिक्षको के शिक्षा गुणवत्ता सूधार के प्रशिक्षणों के फर्जी होने की बात भी अपनी रिपोर्ट में लिखी है| उनके मुताबिक सत्र के अंत में प्रशिक्षण पुस्तिकाओं का भारी मात्रा में स्टाक बना रहना इस बात का साफ़ संकेत है की सर्व शिक्षा अभियान में प्रशिक्षण कागजो पर किये गए और धन का दुरूपयोग किया गया| ज्ञात हो की प्रशिक्षण के लिए लगभग २३ लाख रुपये का खर्च सर्व शिक्षा अभियान फर्रुखाबाद द्वारा दर्शाया गया| एस डी एम ने पूरे मामले के लिए सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी और समन्वयको को इस घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया है|