फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) टीबी मरीजों की जाँच में तेजी लाने के लिए सरकार की तरफ से एक नई पहल की गयी है। इसके तहत आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से निकटतम परीक्षण केंद्र तक सैम्पल पहुंचाने के लिए सैम्पल ट्रांसपोर्टर की मानदेय के आधार पर तैनाती की जाएगी। इससे बलगम कलेक्शन के बाद जाँच रिपोर्ट जल्दी से जल्दी आने की राह आसान बन सकेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० रंजन गौतम ने बताया कि अब घर के नजदीक ही संभावित टीबी मरीजों के बलगम कलेक्शन की व्यवस्था आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर की गई है। इसलिए दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आने, बुखार बना रहने, वजन गिरने, खांसते समय खून आने जैसी समस्या हो तो तत्काल नजदीकी सेंटर पर सम्पर्क करें, क्योंकि यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
डीटीओ ने बताया की सैम्पल को जल्द निकटतम परीक्षण केंद्र तक पहुंचाने की भी व्यवस्था अब कर दी गयी है। इसके लिए रूट चार्ट और माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत एक सैम्पल ट्रांसपोर्टर को चार से सात हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से सैम्पल ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी दी जाएगी।जिला कार्यक्रम समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए 23 सैम्पल ट्रांसपोर्टर को मानदेय के आधार रखे जाने की योजना है। इसके लिए सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफीसर आशा और एएनएम को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। सैम्पल पैकिंग जाँच केंद्र भेजने और रिपोर्ट को निक्षय पोर्टल पर समय से अपडेट करने की जिम्मेदारी सीएचओ की होगी।
सौरभ ने बताया कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत करते हुए उनकी आईडी बना दी गयी है। सीएचओ किसी भी तरह की समस्या आने पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर व अन्य द्वारा मदद प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही बताया की जिले में करीब 1693 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। क्षय रोगियों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए पोषण भत्ता भी मिलता है ।