डेस्क: ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से जानकीपुरम में तीन दिवसीय तनाव अलविदा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के पहले दिन गुरुवार को ब्रह्मकुमारी पूनम ने तनाव मुक्ति की विस्तार से जानकारी दी। ब्रह्माकुमारीज लखनऊ की प्रमुख बहन राधा और जानकीपुरम शाखा की संचालिका बहन सुमन की मौजूदगी में ब्रह्मकुमारी पूनम ने कहा कि सुबह टहलना तनाव मुक्ति के लिए बहुत जरूरी है| वातावरण का प्रभाव सीधे आपके शरीर के साथ ही दिमाग पर पड़ता है। हमारे शरीर का कार्य मन की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके अलावा हमारे भोजन का प्रभाव भी मन की स्थिति काे तय करता है। इसलिए हमारा भोजन सात्विक होना चाहिए। शाकाहारी भोजन मन और शरीर दोनों के लिए ही लाभकारी है। मौसमी फल और सब्जियों के सेवन का असर भी हमारे शरीर पर पड़ता है। शरीर स्वस्थ रहेगा तभी मन स्वस्थ रहेगा।
मन को सुकून देता है संगीत : ब्रह्मकुमारी पूनम ने बताया कि संगीत मन की शांति के लिए टानिक का काम करता है। जीवन जीने के लिए संगीत का विशेष प्रभाव होता है। ऐसे में जब भी आपको समय मिले तो संगीत जरूर सुनें। यह आपके मन को शांत करने के साथ ही शरीर को स्वस्थ रखता है। प्रकृति में मौजूद संगीत को महसूस करें आपका जीवन संवर जाएगा। तीन दिवसीय शिविर हर दिन सुबह छह बजे से शुरू होगा।
इनका रखें ध्यान
जीवन की हर एक घटना में किसी न किसी रूप से आपको लाभ ही होता है। परोक्ष रूप से होने वाले लाभ के बारे में ही सदैव सोचिए।
भूतकाल में की गई गलतियों का पश्चाताप न करें और भविष्य की चिंता न करें। वर्तमान को सफल बनाने के लिए पूरा ध्यान दीजिए।
आप अपने जीवन की तुलना अन्य के साथ कर चिंतित न हों। क्योंकि इस विश्व में आप एक अनोखे और विशिष्ट व्यक्ति हैं। इस विश्व में आपके जैसा और कोई नहीं है।
सदैव याद रखिए कि आपकी निंदा करने वाला आपका मित्र है जो आपसे बिना मूल्य एक मनोचिकित्सक की भांति आपकी गलतियों व आपकी खामियों की तरफ आपका ध्यान खिंचवाता है।
आप दुख पहुंचाने वाले को क्षमा कर दो और उसे भूल जाओ।
जितना हो सके उतना दूसरों के सहयोगी बनने का प्रयत्न करें। दूसरों के सहायक बनने से आप अपनी चिंताओं को अवश्य भूल जाएंगे।
आप अपनी सभी चिंताएं परमपिता परमात्मा को समर्पित कर दें। यह अभ्यास तनाव एवं चिंताओं को दूर करके स्वास्थ्य में वृद्धि करता है।