लखनऊ: परिवहन विभाग ने गाड़ी चलाने का टेस्ट सुनिश्चित कराने को स्थाई डीएल की संख्या को घटा दिया है। अब लखनऊ समेत प्रदेश के हर जिले में स्थाई डीएल कम बनेंगे। इसका असर राजधानी के संभागीय परिवहन कार्यालय ट्रांसपोर्टनगर में जहां रोज 276 डीएल बनते थे, अब वहां महज 180 लाइसेंस ही बन पाएंगे।
एआरटीओ कार्यालयों में रोज का कोटा अब घटकर आधे से भी कम रह गया है।विभाग की मंशा है कि आए दिन बिना ड्राइविंग टेस्ट लिए लाइसेंस जारी करने की शिकायत मिल रही थीं। इस पर एक आरटीआई भी दाखिल की गई थी। इसे देखते हुए निर्णय लिया गया है कि संभागीय निरीक्षकों के पदों के सापेक्ष जिलों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जहां एक आरआई हैं वहां कम से कम 36 और अधिकतम पांच संभागीय निरीक्षकों के पद हैं उन जिलों में अधिकतम 180 डीएल प्रतिदिन बनेंगे। इससे ऑनलाइन परमानेंट डीएल आवेदन करने वालों को टाइम स्लॉट कम मिलेगा। इस संबंध में परिवहन आयुक्त धीरज साहू की ओर से सूबे के सभी एआरटीओ और आरटीओ कार्यालयों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
घटा कोटा, अब कम बन पाएंगे लाइसेंस: जहां एक ओर स्थाई डीएल पहले ही कम बन पाते थे और दिनभर डीएल को लेकर मारामारी बनी रहती थी।अब यह संख्या और कम हो गई है।
लखनऊ-कोटा स्थायी डीएल-पहले- अब
ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय- 276-180
देवा रोड एआरटीओ कार्यालय-120- 36
आरआई के पदों के सापेक्ष जिलों के कार्यालयों में हुआ कोटे का निर्धारण
पद – प्रतिदिन जारी होने वाले डीएल की संख्या
एक आरआई-36
दो आरआई-72
तीन आरआई-108
चार आरआई-144
पांच आरआई-180
देरी के खेल का लाभ उठाएंगे दलाल:
टाइम स्लॉट के लिए अब ज्यादा वक्त का करना होगा इंतजार।
स्थायी डीएल के लिए आवेदन के बाद अब पंद्रह दिन के स्थान पर करीब महीनेभर की प्रतीक्षा करनी होगी। डीएल आवेदकों की भीड़ कम होगी और लंबी लाइनों से छुटकरा मिलेगा।
आवेदकों का ड्राइविंग टेस्ट अब सख्ती से लिया जाएगा।
अधिक समयावधि को देख दलाल फिर से सक्रिय होंगे।