लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित कराने के दौरान से विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान सख्त लहजे में विपक्ष को नसीहत भी दे दी।
उत्तर प्रदेश विधान मंडल के बजट सत्र में अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव की ताप नजर आ रही है। विधान परिषद में बहुमत वाली समाजवादी पार्टी के नेताओं के शोर मचाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त लहजे में बोला कि समाजवादी पार्टी के सदस्य ज्यादा गर्मी न दिखाएं तो बेहतर है, हमको हर भाषा में समझाना आता है। विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद भाषण पर सीएम योगी आदित्यनाथ के संबोधन के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की एक-दूसरे पर हमले और तीखी टीका-टिप्पणी के बीच में समाजवादी पार्टी के सदस्यों के सदन में बेहद शोरगुल करने तथा बेवजह टिप्पणी करने पर सीएम योगी आदित्यनाथ बिफर पड़े। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माहौल को गर्मा दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के सदसय यह समझ लें, जो जिस भाषा में समझेगा, उसी में समझाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सपा के लोग ज्यादा गर्मी ना दिखाएं। जो जिस भाषा को समझता है हम तो उसी में समझा रहे हैं। आप सभी लोग सदन में पहले अपना आचरण सुधारें। समाजवादी पार्टी के लोग पहले सुनने की आदत डालें। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा कि मैं सबके पेट का दर्द दूर कर दूंगा। कृषि कानून को लेकर किसानों के विरोध पर सपा के हंगामे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे पता है कौन किस भाषा को समझता है। विपक्ष को सुनने की भी आदत होना चाहिए। अब तो जो जिस भाषा में बोलेगा उसी में जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में किसानों से गेहूं खरीद कम हुई तो आप को चिंता नहीं हुई थी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का आचरण चिंताजनक है। विधानसभा लोकतांत्रिक विचारो का केंद्र है और यहां लोकतांत्रिक तरीके से बहस होनी चाहिए। सत्ता और विपक्ष के बीच संवाद होते रहना चाहिए। हमने एससी-एसटी पर विधानसभा में स्पेशल चर्चा की और संविधान दिवस पर 36 घंटे लगातार सदन की कार्यवाही चली।
समाजवादी पार्टी के सदस्य काफी नाराज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस टिप्पणी के बाद विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्य काफी नाराज हो गए। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्यों को लेकर मुख्यमंत्री की टिप्पणी के दौरान कई शब्दों को लेकर नाराजगी इन सभी ने काफी नाराजगी जताई। इसके बाद विधान परिषद में विपक्ष का जोरदार हंगामा होने लगा।
सरकार ने कोविड प्रबंधन में कोई कमी नहीं की
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी पर कहा की सरकार ने कोविड प्रबंधन में कोई कमी नहीं की, पहले 60 टेस्ट होते थे अब 2 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे है। लॉकडाउन के समय कोरोना के खिलाफ टीम वर्क से काम हुआ और श्रमिकों को पैसा और राशन किट दी गई, इस दौरान जनता के सहयोग से कोई भी भूखा नहीं रहा। कम्युनिटी किचन दवारा सभी को भोजन उपलब्ध कराया गया। कोटा में फंसे छात्रों को उनके घर पहुंचाया। डब्ल्यूएचओ ने कोविड प्रबंधन में यूपी की तारीफ की। 26 जिलों में वेंटिलेटर नहीं थे हमने सभी जिलो में वेंटिलेटर की व्यवस्था कराई और दो लाख के करीब आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराये। यूपी के साथ-साथ हमने 27 राज्यों को सेनेटाइजर उपलध कराया। इस संकट की घड़ी में लोगों ने स्वेच्छा से दान किया। इस समय प्रदेश में केवल 2 हजार एक्टिव केस है। इस समय व्यापक रूप से वैक्सीनेशन का काम जारी है और सभी फ्रंट लाइन वारियर्स को वैक्सीन की डोज दी जा रही है।मुख्यमंत्री ने इससे पहले कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पलायन हुआ। इनमें केवल उत्तर प्रदेश के करीब 40 लाख श्रमिक कामगार थे। इसके अलावा लगभग 60 लाख श्रमिक यूपी से होते हुए नॉर्थ ईस्ट की ओर गए। इन सभी लोगों के भोजन, उपचार और रहने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से की गई थी। कोरोना काल में कोटा से 14,000 बच्चों को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की की बसों से सुरक्षित प्रदेश में लाया गया। प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को भी उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया गया। उत्तर प्रदेश में हमने महामारी से लडऩे के लिए डेढ़ लाख बेड कोविड के लिए बनाए थे। नवंबर 2020 में लगभग 68,000 एक्टिव केस थे, जो घटकर आज मात्र 2,000 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला केस आया था उस वक्त टेस्टिंग क्षमता शून्य थी। आज दो लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता है। कोरोना काल में जो इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदेश के अंदर विकसित किया गया उसमें सरकार का पैसा कम, सीएसआर व जनसहयोग की राशि का ज्यादा उपयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी इस सदी की सबसे बुरी त्रासदी रही। इसके सामने दुनिया की बड़ी-बड़ी व्यवस्थाएं पस्त हो गईं, लेकिन हम सब आभारी हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जिनके नेतृत्व में भारत ने दो स्वदेशी वैक्सीन पूरी दुनिया को दी।
संवैधानिक प्रमुख के प्रति सम्मान का भाव रखना दायित्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था है। प्रदेश में राज्यपाल की भी यही भूमिका है। उनके प्रति सम्मान का भाव रखना और इस संस्था के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों को और सशक्त करना, यह हर नागरिक का दायित्व है। मैं आभारी हूं सभी माननीय सदस्यों का, जिन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर अपनी बातों को सदन में रखा। हम सभी का हृदय से स्वागत करते हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना सम्बोधन करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। अभिभाषण के दौरान कहा की संवैधानिक कर्तव्यों पर चर्चा हो और संवैधानिक प्रमुखों का सम्मान होना चाहिए। राष्ट्रपति,न्यापालिका के खिलाफ टिप्पणी नहीं होनी चाहिए।