फर्रुखाबाद:(जेएनआईं ब्यूरो) शहर के रेलवे रोड़ स्थित सरस्वती भवन में श्री रामलीला मंडल के मंच पर कलाकारों ने सरस्वती भवन में प्रतिदिन की तरह ब्यास सत्यम ने मानस का पाठ किया| विजयदशमी के अवसर पर कलाकारों ने राम-रावण का युद्ध का मंचन किया| विभीषण द्वारा श्री राम को रावण की मृत्यु का रहस्य बताया की रावण की नाभि में अमृत कलश है, तब राम ने एक साथ 31 वाणों को एक साथ रावण के ऊपर चलाएं रावण धराशाई हो गया|
रावण के गिरते ही पृथ्वी हिल गई। समुद्र, नदियाँ, दिशाओं के हाथी और पर्वत क्षुब्ध हो उठे, इसी के साथ असत्य पर सत्य की विजय हुई रावण के गिरते ही चारों ओर खुशी की लहर दौड़ गई| देवताओं ने पुष्प वर्षा की एवं उपस्थित कलाकारों ने पुष्प वर्षा कर श्री राम के जयकारे लगाये एवं भगवान श्रीराम ,लक्ष्मण, सीता की आरती उतारी एवं आशीर्वाद लिया|
निदेशक विजय दुबे (मटर लाल) ने बताया कि इस बार कोविड-19 के कारण रावण के पुतले का दहन नहीं किया गया है| केवल मंचन किया गया रावण दहन ना होने से लगभग 125 साल पुरानी परंपरा टूट गई ! उपस्थित कलाकार मोहन दुबे ,छवि दुबे, राम जी दीक्षित, गोपाल मिश्रा, पवन पेंटर, पुरुषोत्तम शुक्ला, अखिलेश दुबे ,संकल्प पांडे ,अशोक मिश्रा ,जीतू शुक्ला ,आशीष मिश्रा, शिवम पाण्डेय, चंद्र मोहन ,शुक्ला छोटे शुक्ला ,राज गौरव पाण्डेय, मुन्नू वाजपेयी आदि लोग उपस्थित रहे|