फर्रुखाबाद:(राजेपुर प्रतिनिधि) कोरोना महामारी के मद्देनजर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी व्यवस्था के शिकार हो रहे हैं। जमीन पर गद्दे डालकर लेटना और ऊपर से लाइट की व्यवस्था ना होंने से प्रवासियों को रात भर जागना पड़ा| लेकिन अधिकारी अपनी पीठ खुद ही ठोंक रहे है|
दरअसल चित्रकूट में एक कालेज के क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है| जिसमे बीते दिन लगभग 1 बजे 180 प्रवासी मजदूरों के साथ ही उनके साथ आयी महिलाओं और बच्चों को भी रखा गया था| प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि उन्हें भोजन आदि की पर्याप्त व्यवस्था नही की| जेएनआई टीम ने जब क्वारंटाइन सेंटर का दौरा किया तो ठहरे प्रवासी लोगों ने बताया कि उन्हें खराब किस्म का खाना बीते दिन दिया था| जिससे कई लोगों नें खाना फेंक दिया| कुछ महिलाएं गर्भवती थी उनके स्वास्थ्य को देखते हुए भोजन का इंतजाम नही किया गया|
क्वारंटाइन सेंटर में बिजली की कोई व्यवस्था नही थी| प्रवासी मजदूरों को खुले आसमान के |नीचे ही रात गुजारनी पड़ी| रात भर मच्छर उनके कानों में बेसुरा राग अलापते थे| जिससे मासूम रात भर रोते ही रहे| सुबह लगभग 11 बजे जब जेएनआई टीम पंहुची प्रवासियों ने अव्यवस्था की शिकायत की| उन्होंने कहा कि ना ही चाय-नाश्ता मिला और ना ही पानी दिया गया| क्वारंटाइन सेंटर में रोंकी गयी फर्रुखाबाद के नेकपुर चौरासी निवासी रामधनी पत्नी राहुल और गुठीना निवासी उर्मिला पत्नी पवन नें जिला प्रशासन की व्यवस्था पर सबाल खड़े किये|
उपजिलाधिकारी अमृतपुर बिजेंद्र कुमार से जब जेएनआई नें बात की तो उन्होंने बताया कि प्रवासी गलत आरोप लगा रहे है|बीते लगभग 3 बजे वह लोग आये थे और 6 बजे उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया| लेकिन कुछ लोगों को शिकायत करने की आदत है| खाना गुणवत्ता पूर्ण दिया गया था| कुछ लोगों ने बेबजाह खाना फेंका है| उनसे बात की जायेगी|