लखनऊ: कोरोना वायरस के कहर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जंग जारी है। जैसे-जैसे यह पांव फैला रहा है, वैसे-वैसे योगी आदित्यनाथ सरकार बचाव के उपाय तेज कर रही है। इसके साथ ही लोगों के भरण-पोषण का भी इंतजाम किया जा रहा है। रोज कमाकर खाने वालों को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक हजार रुपया की पहली किश्त उनके खाते में भेजी है। जिनको यह किश्त भेजी गई है, उनकी संख्या बीस लाख से अधिक है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश के 20 लाख से अधिक दिहाड़ी मजदूरों को एक हजार रुपये की पहली किस्त डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेज दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ सबको सहभागी बनाने की दृष्टि से प्रदेश सरकार ने दैनिक श्रमिकों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक और पल्लेदारों को भी 1 हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता दे रही है। इसके लिए नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास कालीदास मार्ग पर सरकारी आवास से प्रदेश में श्रमिक भरण-पोषण योजना की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने चार श्रमिकों को प्रतिकात्मक तौर पर एक-एक हजार रुपये का चेक भी वितरित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सोशल डिस्टेंस बनाने और होम क्वारंटाइन के कारण लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। जिसकी वजह से यह व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अंत्योदय राशन कार्ड धारक, निराश्रित वृद्धा अवस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, निर्माण श्रमिक और प्रतिदिन कमाने वाले श्रमिकों को हम नि:शुल्क राशन उपलब्ध करा रहे हैं। इसके तहत 20 किलो गेंहू और 15 किलो चावल की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो लोग भी इससे वंचित रह जाएंगे और किसी भी योजना से आच्छादित नहीं है, उन्हें भी एक हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है और सभी जनपदों को पर्याप्त धनराशि भेजी जा चुकी है।