ठिलिया टैम्पों वालों की दिहाड़ी पर डाका, रास्ते जाम, नागरिक हलकान

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फर्रुखाबाद, 23 फरवरीः विगत एक माह से मुख्यमंत्री मायावती का बहुप्रतीक्षित दौरा आखिर आज निबट गया और अधिकारियों ने राहत की सांस ली। परंतु माया का यह दौरा नागरिकों व विशेषकर दिहाड़ी मजदूरी कर गुजर बसर करने वालों पर काफी भारी पड़ा। मुख्य मंत्री मायावती के दौरे के चक्कर में रोज कमाने-खाने वाले खोमचे-ठिलाया और टैम्पो वाले गुरुवार को बेमौत मारे गये। आवास विकास से फतेहगढ़ तक कोई सवारी न होने के कारण महिलाये, बुजुर्ग और स्कूली बच्चे तक पैदल आते जाते नजर आये। सड़कों पर पुलिस के जगह-जगह बैरियर लगा कर रास्ते बंद कर दिये जाने के कारण नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हद तो यह हुई कि विधान परिषद सदस्य व नगर पालिका अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर की ओर जाने वाले लोहाई रोड भी बंद रहा, जबकि इस मार्ग पर आधा दर्जन अस्पताल व नर्सिंग होम भी हैं।

मायावती के दौरे के लिये विगत एक माह से अधिक से तैयारियां कर रहे प्रशासन ने बुधवार को राहत की सांस ली। परुतु इसे मुखयमंत्री का खौफ कहें या अपनी नोकरी बचाने के लिये पुलिस व प्रशासन की हद दर्जे की निष्ठुरता कहें कि दिन भर शहर में टैम्पो नहीं चलने दिये गये। दफ्तरों और स्कूलों से वापस लौटने वाले कर्मचारियों और छात्रों को घर तक पहुंचना दूभर हो गया। बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन से लागों को घर पहुचना मुश्किल हो गया। महिलायें व बुजुर्ग तक सामान लादे पैदल मार्च करते नजर आये। दौरे का समय करीब आते-आते तो शहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा दिखा।  हद तो यह हुई कि विधान परिषद सदस्य और नगर पालिका अध्यक्ष मनोज अग्रवल के घर को जाने वाला लोहाई रोड पर पुलिस ने बैरियर लगा दिया। उल्लेखनीय है कि इसी सड़क से डा. रजनी सरीन, डा. मनोज मल्होत्रा, डा. हरिदत्त द्विवेदी सहित लगभग आधा दर्जन नर्सिंग होम व क्लिनिक भी है। सबसे ज्यादा कठिनाई रोज कमाने खाने वाले टैम्पो चालकों और ठिलिया खोमचा लगाने वालों या लोहिया अस्पताल के निकट चाय व पान बीड़ी की दुकान रखने वालों को हुई। पुलिस ने पूरे दिन गरीबो की दुकान नहीं खुलने दी।