फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) नगर पालिका अपने काले कारनामों से आये दिन चर्चा में रहती है| जब भी भ्रष्टाचार की बात हो पालिका का नाम सबसे ऊपर आता है| जितनी ऊचाई पर पालिका का कार्यालय है उतने ही ऊँचे कारनामे भी है| एक ताजा मामला संज्ञान में आया है जिसमे पालिका के अधिकारियों व कर्मियों ने मिलकर करोडो के गबन की तैयारी कर ली है| खाका तैयार है उसे केबल अमली जामा पहनाना ही बाकी रह गया है| पता चला है की इस सम्बन्ध में बीते दिन आये सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पालिका के काले कारनामो का चिट्टा सौपा गया है|पालिका की फाइलों में यदि झांककर देखे तो आपको अंकों व शब्दों की बाजीगरी का पता चल जायेगा| पता चलेगा की किस तरह जिले की सबसे ऊची ईमारत में ऊंचे स्तर के खिलाड़ी बैठे है और सरकारी पैसे के गबन में माहिर खिलाडी है| यह खेल वर्षो से चल रहा है| लेकिन आज तक कोई जाँच व कार्यवाही नही हो सकी| लेकिन सी एम के दौरे के बाद पालिका में हडकंप है| पता यह भी चला ही की सीएम योगी आदित्यनाथ शिकायत मिलने के बाद काफी खफा है|जिसके चलते ही उन्होंने समीक्षा बैठक में पालिका में वर्षो से एक ही पटल पर जमे लिपिकों का पटल परिवर्तन करने के आदेश दिये|
पहले समझे मामला है क्या! दरअसल वर्तमान चेयरमैंन वत्सला अग्रवाल की प्रथम बैठक बीते 6 जनवरी 2018 को सम्पन्न हुई थी| जिसमे नगर के विकास के लिये विभिन्न प्रकार के कुल 70 प्रस्ताव पास किये गये थे| नियम यह कहता है की जिन प्रस्तावों का वजट बन गया हो उनकी निबिदा प्रकाशित कर निर्माण कार्य कराये जाये| वही जिन प्रस्तावों पर कोई समस्या हो उस समय को बोर्ड की अगली बैठक में पेश किया जाये| जिसके बाद उस पर आगे कार्यवाही को सके और बैठक की कार्यवाही की प्रति सदन के सभी सदस्यों को 10 दिन के भीतर उपलब्ध करायी जाये| लेकिन नगर पालिका फर्रुखाबाद में यह नियम नही है| किसी भी सभासद को कार्यवाही की प्रति महीनों उपलब्ध नही करायी जाती है| जिससे आसानी से करोंडो का खेल हो सके| 6 जनवरी में हुई बोर्ड बैठक में की कार्यवाही की प्रति 15 जून को सभासदों को उपलब्ध करायी गयी|
इसके ठीक लगभग 6 महीने के बाद 23 जून को पालिका ने पुन: सदन की बैठक आहूत की| जिसमे पुन: नगर के विकास के नाम पर निर्माण के प्रस्ताव पेश किये गये| इन प्रस्तावों में नगर पालिका के जिम्मेदारों ने भ्रष्टाचार की कलम से प्रस्तावों को काला करने का खेल कर दिया| 6 जनवरी को जिन प्रस्तावों को पास किया गया था उनमे से प्रस्ताव क्रमांक 50 के लगभग 18 कार्यों के प्रस्तावों में वजट एवं शब्दों का हेर-फेर करके उन्ही सडकों को पुन: बनाने के प्रस्ताव पेश कर दिये गये| वही कुछ प्रस्तावों का क्रम बदलकर हुबहू 23 जून को प्रस्ताव संख्या 110 के कार्यों के प्रस्तावों में पेश कर दिया गया| वही अभी तक कार्यवाही की प्रति सदन के सदस्यों को जान बुझकर उपलब्ध नही करायी गयी| इनमे करोड़ों के घपले का खाका तैयार है| वही इन्ही बिन्दुओं को लेकर सदन की बैठक मे सांसद प्रतिनिधि दिलीप भारद्वाज व अन्य सभासदों ने भी आपत्ति की थी| (अगला अंक मंगलवार को पढ़े)