सरकारी योजनाओं के बजट में ब्याज पर अधिकारियों की गिद्द नजर

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फर्रुखाबाद: कांशीराम आवासीय योजना के द्वितीय चरण के 910 आवासों के निर्माण के लिये मिले साढ़े आठ करोड़ का बजट तो आखिर आवास विकास ने 10 माह बाद जिलाधिकारी को वापस कर दिया है, परन्तु अभी इस धनराशि के ब्याज को लेकर खींचतान मची हुई है।

मान्यवर काशीराम शहरी आवास योजना के द्वितीय चरण के कायमगंज, कम्पिल व मोहम्दाबाद नगर पंचायतों में 910 आवासों का निर्माण प्रस्तावित था| इसके लिए शासन की ओर से मार्च 2010 में ही 8 करोड़ 41 लाख रुपये की धनराशि जनपद को प्राप्त हो गई थी| जनपद स्तर पर स्थल चयन समय से न हो पाने के कारण योजना लटक गई है|

कार्य प्रारम्भ न हो पाने के कारण शासन ने बाद में इस पर रोक लगा दी| हाल ही में द्वितीय चरण के प्रस्तावों को निरस्त कर तृतीय चरण लागू करने के निर्देश जारी किये गए| मजे की बात है कि इस पूरी कवायत के दौरान 8 करोड़ 41 लाख रुपये का बजट आवास विकास परिषद के खातों में डंप पड़ा रहा| अब शासन स्तर पर लखनऊ स्थित नोडल अधिकारी ने यह धनराशि जिलाधिकारी को वापस करने के आदेश कर दिए हैं| आदेश के क्रम में अधिशासी अभियंता आवास विकास महेंद्र पाल ने इस धनराशि की चेक जिलाधिकारी को भेज दिए हैं| परन्तु धनराशि के सापेक्ष १० माह का ब्याज नहीं भेजा है| बैंको में प्रचलित बचत खातों पर सामान्य ब्याज दरों के हिसाब से यह धनराशि लगभग 16 लाख बनाती हैं| जिलाधिकारी ने ब्याज के सम्बन्ध में वरिष्ठ कोषाधिकारी से आख्या मांग ली है|

अधिशाषी अभियंता महेंद्र पाल ने बताया कि ब्याज की धनराशि वापस नहीं की गयी है| उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के निर्माण कार्यों में लेआउट और विज्ञापन प्रकाशन जैसी मदों पर जो पैसा खर्च हुआ था उसका भुगतान इस धनराशि से किया गया है| इस विषय में उच्चाधिकारियों से मार्ग निर्देशन भी माँगा गया है तदनुसार कार्रवाई की जायेगी| उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में निर्मित तीन में से एक बन्धौआ कालोनी नगर पालिका को हस्तांतरित की जा चुकी है| हैवतपुर गढ़िया व टाउन हाल सतही दो अन्य कालोनियों के हस्तांतरण को लेकर अभी अधिशासी अधिकारी नगर पालिका के साथ सहमति नहीं बन पायी है|