आजमगढ़:जनपद के रानी की सराय स्थित चेकपोस्ट पर मंगलवार को आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा की केंद्र और प्रदेश में चल रही सरकार की जातिवादी व पूंजीवादी सरकार दलितों व पिछडों पर कहर ढा रही हैं। जातिय संघर्ष करवा कर वोटबैंक की राजनीतिक चाल चल रही हैं।
मायावती ने कहा, ‘इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोची समझी साजिश के तहत भाजपा ने सहारनपुर के शबिरपुर में दलितों के बीच संघर्ष कराया और मेरी हत्या की साजिश की, ताकि मेरे साथ बसपा का सफाया हो जाये। लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए।’ उन्होंने आगे कहा कि राजयसभा में जब वह बात उठा रही थी तो उन्हें रोक दिया गया। उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। बसपा सुप्रीमो मायावती रानी की सराय के चेकपोस्ट पर बसपा कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए आजमगढ़ पहुंची हैं। । यहां से निकाय चुनाव के लिए शंखनाद भी करेंगी। यहीं प्रत्याशी की घोषणा भी होनी हैं। ऐसे में जनसभा में सबसे अधिक मुद्दा निकाय चुनाव का ही छाया रहेगा।
उनके भाई, भतीजा और सतीश मिश्र भी हैं।आज पार्टी सुप्रीमो मायावती सम्मेलन को संबोधित करेंगी। ऐसे में एक दिन पूर्व से ही पार्टी प्रमुख नेताओं ने कार्यक्रम स्थल पर डेरा डाल दिया है। जिले के अलावा समीप के कई जनपदों के बसपा कार्यकर्ता इसमें भाग लेंगे। क्षेत्र के शंकरपुर चेकपोस्ट पर आयोजित कार्यक्रम स्थल पर तैयारी एक सप्ताह से चल रही है। कल कार्यक्रम स्थल पर बैठक कर रणनीति तय की गई। विधानसभा चुनाव में बेहद शर्मनाक प्रदर्शन के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पार्टी में नई जान फूंकने के प्रयास में हैं। उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ मजबूत करने के इरादे से पार्टी इस बार सिंबल पर निकाय चुनाव भी लडऩे करेंगी। मुखिया मायावती कल से प्रदेश में ताबड़तोड़ रैली करेंगी। इसका आगाज वह मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से कर रही हैं।
मायावती प्रदेश के साथ देश के अन्य राज्यों में भी जनसभाएं करेंगी। कल से शुरु होने वाला उनका यह अभियान मई 2018 तक चलेगा। मई 18 तक उनकी 13 रैली होंगी। इनमें से पांच उत्तर प्रदेश में होंगी जबकि आठ रैली देश के अन्य राज्यों में होंगी। पार्टी ने मायावती की रैलियों का खाका भी तैयार कर लिया है। आजमगढ़ की रैली के लिए बसपा मुखिया कल ही नई दिल्ली से लखनऊ आ गईं थीं।राज्यसभा से अपना इस्तीफा देने के बाद मायावती ने प्रदेश के हर मंडल में हर महीने की 18 तारीख को पार्टी का मंडलीय सम्मेलन करने की योजना तैयार की थी। बसपा का पहला मंडलीय कार्यकर्ता सम्मेलन मेरठ जिले में आयोजित किया गया था। यह योजना पटरी पर नहीं आ सकी, अब योजना में बदलाव किया गया है।
बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद आत्ममंथन करने की योजना बनायी थी। पार्टी का उद्देश्य बसपा के उस बेस वोटर्स को वापस लाना था, जो 2017 के चुनाव में बसपा से मुंह मोड़ चुका है। बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद जमीनी स्तर पर अपनी राजनीति कर रही हैं। जिसके तहत अपने बेस वोटर्स को साधना मायावती के लिए चुनौती बनती जा रही है। मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने के लिए कार्यक्रम बनाया था। जिसके तहत बसपा सुप्रीमो मंडलों में जाकर कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर काम करने के लिए प्रेरित करेंगी।
मायावती की कल आजमगढ़ में होने वाली रैली में आजमगढ़, वाराणसी और गोरखपुर मंडल के कार्यकर्ता शामिल होंगे। सम्मेलन का आयोजन आजमगढ़ के रानी सराय मैदान में किया गया है। इसके बाद उनकी अगली रैली 18 दिसम्बर को कानपुर देहात में होगी। मायावती 18 फरवरी 2018 को अलीगढ़, 18 मार्च को अयोध्या/फैजाबाद और 18 मई को लखनऊ में रैलियों को संबोधित करेंगी। मायावती की उत्तर प्रदेश से बाहर की रैलियों में 24 नवंबर को भोपाल जोन, 26 नवंबर को बंगलुरु जोन, 1 दिसम्बर को जयपुर जोन, 28 जनवरी को पटना जोन, 4 फरवरी को दिल्ली जोन, 25 फरवरी को चंडीगढ़ जोन, 27 फरवरी को कांगड़ा जोन और 4 मार्च को उत्तराखंड जोन में रैलियां आयोजित होंगी।