डेस्क: देश में 100 दिनों के अंदर करीब एक लाख लोगों ने बैंकों में डिजिटल लॉकर खुलवाए हैं। यह जानकारी संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी। डिजिटल इंडिया विजन के कई पहलों में से एक डिजिटल लॉकर का उद्देश्य कागजी दस्तावेज का इस्तेमाल बंद करना है। फर्रुखाबाद में आवास विकास स्थित ई गवर्नेंस सेवा के केंद्र जन सेवा केंद्र पर डिजिटल लाकर खोलने की सुविधा उपलब्ध है|
डिजिटल लॉकर विभिन्न सरकारी एजेंसियों को किसी व्यक्ति की डिजिटल आधार संख्या से जुड़े दस्तावेज डिजिटल लॉकर में स्थानांतरिक करने की सहूलियत देती है। डिजिटल लॉकर के माध्यम से दस्तावेजों की प्रति कभी भी और कहीं से भी प्राप्त की जा सकती है। यह दस्तावेजों की सुरक्षा और सहूलियत की भी गारंटी देता है और डिजिटल माध्यम में आसानी से सत्यापन भी किया जा सकता है।
किसी व्यक्ति के जरूरी दस्तावेज और सर्टिफिकेट जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र और दूसरे जरूरी सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन माध्यम से आसानी से और कम समय में आवेदन किया जा सकता है।
डिजिटल लॉकर में नकली दस्तावेजों का खतरा नहीं होता और इसमें काफी जगह होती है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा में डिजिटल लॉकर नष्ट होने से बच जाता है, जबकि भौतिक दस्तावेजों के नष्ट होने या गुम होने का भय बना रहता है।
डिजिटल लॉकर के माध्यम से सिम कार्ड, एलपीजी गैस कनेक्शन एवं ड्राइविंग लाइसेंस आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। सरकार ने डिजिटल लाकर को प्रोत्साहित करने के लिए अभी शुरूआती दौर में सेवा को शुल्क मुक्त रखा है| केंद्र पर सिर्फ इंटरनेट आदि का मामूली चार्ज देकर डिजिटल लाकर खोला जा सकता है| केंद्र के प्रबंधक यतीश मिश्रा ने बताया कि अब तक 350 से ज्यादा डिजिटल लाकर उनके केंद्र पर खोले जा चुके है|