नई दिल्ली: कोयला घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट को बताया कि उसे इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ की इजाजत नहीं थी जो कि उस वक्त कोयला मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।
स्पेशल सीबीआई जज भरत पाराशर ने सीबीआई से पूछा था कि क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में तत्कालीन कोयला मंत्री की पूछताछ जरूरी थी? क्या आपको उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं लगती? आपको नहीं लगता कि तस्वीर साफ करने के लिए उनका बयान जरूरी थी?
इस पर जवाब देते हुए जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के अफसरों से जांच के दौरान पूछताछ की गई थी और ये पाया गया था कि तब के कोयला मंत्री के बयान की जरूरत नहीं है। हालांकि जांच अधिकारी ने कोर्ट को ये भी बताया कि तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ की इजाजत नहीं थी।
गौरतलब है कि बिड़ला की फर्म हिंडाल्को को ओडिशा में कोल ब्लॉक आवंटित करने के दौरान कोयला मंत्रालय का प्रभार खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था। कोर्ट ने जांच एजेंसी से इस मामले की केस डायरी तलब की है और मामले की अगली सुनवाई अब 27 नवंबर को होगी। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोल सचिव के सी पारेख और अन्य के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी।