लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नामित सभासदों को वोट का अधिकार देने के प्रदेश सरकार के संशोधन कानून को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उप्र नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 9(1)डी के परन्तुक में संशोधन कर नामित सभासदों को वोट का अधिकार देना अनुच्छेद 143(आर) के प्रतिकूल है। सरकार ऐसा कोई कानून नहीं बना सकती जिससे संविधान के उपबंधों का उल्लंघन होता हो। ऐसे कानून की अनुमति नहीं दी जा सकती।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खण्डपीठ ने योगेश मित्तल की याचिका पर दिया है। याचिका द्वारा कानून संशोधन कर नामित सभासदों को वोट का अधिकार देने की वैधता को चुनौती दी गई थी जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने संशोधन कानून को रद कर दिया है।
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