नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सभी पार्टियों (भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी) ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया है। यह खुलासा दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने किया। उनके मुताबिक, तीनों पार्टियों ने उन्हें सोमवार को अपनी राय बताई। अब उप-राज्यपाल इस बाबत ऱाष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। इसके बाद अब दिल्ली में चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
गौरतलब है कि भाजपा के सरकार बनाने से इन्कार करने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि उप-राज्यपाल पहले भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दें। अगर वह मना करती है तो ‘आप’ को बुलाया जाए। केजरीवाल के इस बयान के बाद दिल्ल्ली में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई थी और अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया। साथ ही, अपनी नई मांगों को लेकर केजरीवाल ने एलजी को पत्र भी लिखा था।
आपको बता दें, इससे पहले आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने उपराज्यपाल (एलजी) से मुलाकात की। करीब 10 मिनट चली इस बातचीत के बाद भाजपा की ओर से साफ कर दिया गया कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है। हालांकि, इस बारे में एलजी किसी बयान से बचते नजर आए। इस बाबत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शाम को आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि दो राज्यों हरियाणा व महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित भाजपा अभी दिल्ली में सरकार बनाने के मूड में नहीं दिखाई दे रही थी। पार्टी की ओर से यह संकेत दिए जा रहे थे कि वह यहां नए सिरे से चुनाव चाहती है।रविवार रात दिल्ली में हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी ने दिल्ली में सरकार की बजाय चुनाव कराने का विकल्प चुना। पार्टी ने अपने इस फैसले से उपराज्यपाल नजीब जंग को सोमवार को अवगत करा दिया। कांग्रेस की ओर से भी अभी चुनाव पर ही सहमति जाहिर की गई है।
भाजपा की पिछले दो महीने की कवायद से ऐसा लग रहा था कि पार्टी जम्मू-कश्मीर और झारखंड विधानसभा के साथ दिल्ली में चुनाव नहीं चाहती है। लेकिन, अब तस्वीर बदलती नजर आ रही है।बदले हालात में एलजी राष्ट्रपति से चुनाव के लिए सिफारिश कर सकते हैं। आगामी फरवरी में दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की मियाद खत्म हो रही है। ऐसे में संभव है कि जनवरी-फरवरी में दिल्ली में चुनाव हो सकते हैं।[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]