फर्रुखाबाद: बीते 12 अक्टूबर से चल रही श्री राम कथा के चौथे दिन स्वामी रामभद्राचार्य ने धनुष यज्ञ का मनोहारी वर्णन किया| इस दौरान उन्होंने समाज को बेटियों की रक्षा व उसके महत्व के बारे में भी श्रधालुओ को विस्तार से बताया| उन्होंने कहा की बेटे-बेटी में भेद करने वाले परिवार कभी भी सुखी नही रह सकते है| कथा में जमकर भीड़ उमड़ी|
आईटीआई चौराहे ठंडी सड़क स्थित रस्तोगी कोल्ड में चल रही श्रीराम कथा में बोलते हुए स्वामी रामभद्राचार्य जी ने भगवान श्री राम व माँ सीता के विवाह का वर्णन करते हुए कहा की राम-सीता के विवाह से बढ़ा कोई भी विवाह नही हुआ| उन्होंने श्री राम का नगर भ्रमण, पुष्प वाटिका भ्रमण व धनुष यज्ञ का मनोहारी वर्णन किया| जिसे सुन कर श्रोता भावविभोर हो गये| उन्होंने कथा के वर्णन के समय ही कन्याओ के जन्म की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की और कहा की बेटीयाँ कुलो को जोड़ने का काम करती है| एक पुत्री सौ पुत्रो के समान होती है| इस लिए हमे पुत्र व पुत्रियो में भेद नही रखना चाहिए|
उन्होंने कड़े शब्दों में कहा की पुत्र व पुत्री में अंतर करने वाला परिवार कभी भी सुखी नही रह सकता| इस लिए भारत की वीर पुत्रियों का इतिहास हमे यह बताता है की पुत्री किसी भी तरह से पुत्रो से कम नही होती|
रामभद्राचार्य ने किया पंडाबाग में यज्ञशाला निर्माण का भूमि पूजन
स्वामी रामभद्राचार्य ने श्री राम कथा के बाद पंडाबाग मन्दिर पंहुच कर मंदिर में यज्ञशाला निर्माण की आधार शिला रखी| उन्होंने निर्माण कार्य का भूमि पूजन के साथ शुभारम्भ कर दिया|
इस दौरान अबधेश दीक्षित, अनिल त्रिपाठी, मनोज अग्निहोत्री, सुरेन्द्र पाण्डेय, मनीष मिश्रा, गोपाल रस्तोगी, नवीन मिश्रा, रामनिवास गुप्ता (नारद), रामू तिवारी आदि लोग मौजूद रहे|